कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को टैग कर एक ट्वीट किया। इसमें राष्ट्रपति के उस ट्वीट को रिट्वीट किया है जिसमें उन्होंने राज्यपालों को लोगों की समस्याएं सुनने और उसका समाधान के लिए कदम उठाने की नसीहत दी है। इसमें राज्यपाल ने लिखा है कि राष्ट्रपति संग बैठक के बाद राज्यपाल की भूमिका को लेकर स्थिति और अधिक स्पष्ट हो चुकी है। उनके निर्देशन में आगे काम करने का रास्ता साफ हुआ है। दरअसल, राष्ट्रपति और राज्यपालों के बीच होने वाली 50 वीं बैठक में रामनाथ कोविंद ने कहा था कि राज्यपालों को राज्य के लोगों की समस्याएं सुनकर समाधान भी करना होगा। राष्ट्रपति का यह बयान तब आया है जब पश्चिम बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार के बीच विभिन्न मुद्दों पर लगातार टकराव चल रहा है। सत्तारूढ़ पार्टी राज्यपाल पर अति सक्रियता का आरोप लगा रही है और सवाल खड़ा कर रही है कि भाजपा शासित राज्यों में राज्यपाल इतने अधिक सक्रिय क्यों नहीं रहते?
इधर धनखड़ कह चुके हैं कि राज्यपाल के तौर पर संविधान में मिले अधिकारों को वह बखूबी इस्तेमाल करना जानते हैं और उसी का इस्तेमाल कर लोगों के हित में मुखर तरीके से खड़े रहेंगे। गौर हो कि राज्यपाल बनने के बाद धनखड़ ने पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, कानून व्यवस्था की बदहाली को मीडिया के सामने उजागर किया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई राज्यपाल राजभवन की चारदीवारी में सीमित न रहकर लोगों के बीच पहुंच रहे हैं और उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं। इसकी वजह से सत्तारूढ़ पार्टी परेशान हो रही है। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने राज्यपाल धनखड़ पर परोक्ष तौर पर हमला करते हुए उन्हें भारतीय जनता पार्टी का मुखपत्र करार दिया था और राज्य में समानांतर प्रशासन चलाने का आरोप भी लगाया था। यहां तक कि मुर्शिदाबाद दौरे पर जा रहे राज्यपाल को दो-दो बार हेलीकॉप्टर देने से बंगाल सरकार ने इनकार कर दिया था। मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा था कि हेलीकॉप्टर की मांग गैरजरूरी है। लोगों के टैक्स से चलने वाली सरकार की सवारी का इस्तेमाल कोई घूमने-फिरने के लिए नहीं कर सकता। तृणमूल कांग्रेस ने राज्यपाल की अति सक्रियता को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से शिकायत भी की थी लेकिन राष्ट्रपति संग बैठक के बाद अब राज्यपाल का पलड़ा भारी दिख रहा है।