शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने 24 घंटे के भीतर बहुमत साबित करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आज सुप्रीम कोर्ट में फ्लोर टेस्ट की इस याचिका को लेकर सुनवाई होगी। जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ आज सुबह 11:30 बजे इस याचिका पर सुनवाई करेगी।
महाराष्ट्र की सियासत पलटी
महाराष्ट्र की सियासत में शुक्रवार रात से शनिवार रात तक बड़े उलटफेर होते रहे। शुक्रवार की शाम महाराष्ट्र के सीएम के रूप में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमत दिख रहे कांग्रेस-एनसीपी के नेताओं की शनिवार सुबह जब नींद टूटी तो टेलीविजन चैनलों पर उन्हें देवेंद्र फड़नवीस मुख्यमंत्री पद की और अजीत पवार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेते दिखाई दे रहे थे। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के लिए यह बड़ा झटका था, क्योंकि 12 घंटे पहले तक उनके साथ खड़ा दिख रहा भतीजा अब भाजपा के पाले में था। राज्यपाल ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके देवेंद्र फडणवीस को 30 नवंबर तक सदन में बहुमत सिद्ध करने का समय भी दे दिया।
शनिवार शाम तक पलट गई बाजी
उलटफेर का यह दौर यहीं नहीं थमा। शनिवार की शाम होते-होते समीकरणों में फिर बदलाव दिखने लगा। राकांपा का समर्थन लेकर भाजपा के पाले में पहुंचे भतीजे अजीत पवार को शरद पवार ने राकांपा विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है। उनसे व्हिप जारी करने का अधिकार भी छीन लिया गया है। अजीत की जगह जयंत पाटिल को जिम्मेदारी दी गई है। शरद पवार खेमे का दावा है कि उसके पास 49 विधायकों का समर्थन बना हुआ है।
ऐसे समझिए गणित
चुनाव में भाजपा को 105, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 व कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं। भाजपा का दावा है कि उसने 14 निर्दलीयों और अजीत पवार के नेतृत्व में राकांपा के विधायकों के सहारे बहुमत के लिए जरूरी संख्या (145) जुटा ली है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि राकांपा के कितने विधायक अजीत पवार के साथ हैं। शरद खेमे ने 49 विधायक अपने साथ होने की बात कही है।