2018 में आतंकवाद से होने वाली मौतों में आई 15 फीसद की कमी, इराक ने देखी सबसे बड़ी कमी

आतंक विरोधी अभियान और खुफिया एजेंसियों की चुस्ती से आतंकवाद का फन कुचलने की दिशा में दुनिया चल पड़ी है। 2019 ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स के मुताबिक, 2017 की तुलना में 2018 में आतंकवाद से होने वाली मौतों में 15 फीसद की कमी आई है। आतंक के मामले में सुधार का यह लगातार चौथा वर्ष है। हालांकि रिपोर्ट बताती है कि आतंक प्रभावित देशों का दायरा बढ़कर 71 हो गया है।

दक्षिण एशिया सबसे अधिक प्रभावित

2002 के बाद से दक्षिण एशिया आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जबकि मध्य अमेरिका और कैरेबियन क्षेत्र सबसे कम प्रभावित हुए हैं। यूरोप में आतंकवाद से होने वाली मौतों में 70 फीसद की गिरावट आई है।

तालिबान ने ली सबसे ज्यादा जानें

अफगानिस्तान के अधिकांश प्रांतों के साथ-साथ तजाकिस्तान में भी तालिबान की गतिविधियों में वृद्धि हुई। 71 फीसद की वृद्धि के साथ 2018 में तालिबान ने किसी भी अन्य आतंकवादी समूह की तुलना में सबसे ज्यादा 6,103 जानें लीं। आइएस को पीछे छोड़ते हुए यह दुनिया का सबसे घातक आतंकवादी समूह बना है। यह समूह 2018 में वैश्विक स्तर पर सभी आतंकवादी मौतों में 38 फीसद के लिए जिम्मेदार है।

अफगानिस्तान में सबसे ज्यादा मौतें

2018 में आतंकवाद से 7,379 लोगों की जान जाने के साथ अफगानिस्तान इस सूची में पहले स्थान पर है। 2017 के मुकाबले यहां मौतों में 46 फीसद की वृद्धि हुई। आइएस की गतिविधियों में आई गिरावट: सीरिया और इराक में सक्रिय आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट द्वारा ली गईं जानों में 69 फीसद की गिरावट देखी गई।

इराक ने देखी सबसे बड़ी कमी

लंबे समय से आंतक से पीड़ित इराक में आतंकवादी संबंधी मौतों में सबसे बड़ी कमी देखी गई। 2017 की तुलना में 2018 में यहां 1,054 मौतें हुईं। 2014 से अब तक यहां आतंक से हुई मौतों में 90 फीसद की गिरावट आई है।

नाइजीरिया में बढ़ी मौतें

पश्चिमी अफ्रीका के सबसे बड़े जातीय समूह फुलानी चरमपंथियों द्वारा बढ़ती हिंसा के कारण नाइजीरिया में मौतें 33 फीसद बढ़ गई हैं।

सोमालिया ने भी किया सुधार

सोमालिया में भी महत्वपूर्ण सुधार दिखा है। आतंकी संगठन अलशबाब की गतिविधियों में आई कमी के कारण यहां 2017 में हुईं 1532 मौतों की तुलना में 2018 में केवल 646 लोगों की जान गई।

वैश्विक अर्थव्यवस्था पर आतंकवाद का प्रभाव

2019 ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स के मुताबिक, आतंकवादी हमलों से हर साल अरबों डॉलर का वैश्विक आर्थिक नुकसान होता है। हालांकि सीरिया और इराक में इस्लामिक स्टेट पर अंकुश लगने और उसे हराने के सफल प्रयासों के साथ, अब यह नुकसान अंतत: गिर रहा है। 2014 में जब आइएस अपने चरम पर था तब कुल वैश्विक आर्थिक नुकसान 111 अरब डॉलर पहुंच गया था। लेकिन 2017 में यह घटकर 54 अरब डॉलर हो गया और 2018 में 33 अरब डॉलर का नुकसान हुआ।

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