नई दिल्ली : विश्व की प्रमुख रेटिंग एजेंसी आईसीआरए (इकरा) ने वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में भारत की विकास दर को कम कर 4.7 कर दिया है। इकरा के मुताबिक इसकी प्रमुख वजह औद्योगिक उत्पादन में कमजोरी होना है। रेटिंग एजेंसी ने भारत की जीडीपी की वृद्धि दर में आगे और गिरावट का अनुमान लगाया है। इसके साथ ही इकरा ने भारत के ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) को भी सितम्बर तिमाही के लिए 4.5 फीसदी कर दिया है। पहली तिमाही में भारत की जीडीपी और जीवीए पांच और 4.9 फीसदी पर थे। केंद्र की मोदी सरकार दूसरी तिमाही का जीडीपी इस माह के आखिर में जारी कर सकती है।
पहली तिमाही में कृषि और सेवा क्षेत्र में तेजी की वजह से जीडीपी और जीवीए में तेजी देखी गयी थी। इकरा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में जीवीए ग्रोथ घटकर 4.5 फीसदी पर आ सकती है। यह पहली तिमाही में 4.9 फीसदी पर थी। भारतीय स्टेट बैंक, नोम्यूरा होल्डिंग्स इंक और कैपिटल इकोनॉमिक्स लिमिटेड के अर्थशास्त्रियों के मुताबिक सितम्बर दूसरी तिमाही में देश की विकास दर 4.2 फीसदी से 4.7 फीसदी रही, जो कि साल 2012 के बाद से जीडीपी की सबसे बड़ी गिरावट है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले मूडीज ने भी चालू कैलेंडर वर्ष (2019) के दौरान भारत के जीडीपी ग्रोथ पूर्वानुमान को 6.8 फीसदी से 6.2 फीसदी कर दिया था।