तीन तलाक पीड़िताओं का सहारा अब राज्य सरकार बनेगी। उन्हें शीघ्र ही ‘मुख्यमंत्री आरोग्य योजना’ से जोड़ा जाएगा। इसके जरिये वह आयुष्मान कार्ड धारक की तर्ज पर सरकारी व निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज करा सकेंगी।
दरअसल, यूपी में आयुष्मान भारत के तहत ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य’ योजना 23 सितंबर 2018 को लॉन्च की गई। इसके लाभार्थियों का चयन सोशियो इकोनॉमिक कॉस्ट सेंसस (एसइसीसी) वर्ष 2011 की सूची के आधार पर किया गया था। इन परिवारों को पांच लाख रुपये वार्षिक मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई। वहीं एसइसीसी सूची में नाम न होने से कई गरीब परिवार योजना से वंचित रह गए।
इसके लिए ग्राम विकास विभाग की ओर से सर्वे कराकर करीब साढ़े आठ लाख गरीब परिवारों को और जोड़ा गया। इन्हें मुख्यमंत्री आरोग्य योजना का लाभ दिया गया। ऐसे ही अब मुख्यमंत्री आरोग्य योजना में तीन तलाक पीडि़ताओं को शामिल किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश में तीन तलाक पीडि़ताओं का ब्योरा जुटाने का निर्देश दिया गया है।
सीएचसी अधीक्षक बताएंगे संख्या
लखनऊ जनपद के आयुष्मान व आरोग्य योजना के नोडल ऑफिसर डॉ. एके श्रीवास्तव के मुताबिक शासन का पत्र मिला है। तीन तलाक पीडि़ता को मुख्यमंत्री आरोग्य योजना से जोड़ा जाएगा। इसके लिए सभी सीएचसी प्रभारियों से तीन तलाक पीडि़त महिलाओं का ब्योरा जुटाने के निर्देश दिए गए हैं। सीएचसी अधीक्षक बीडीओ व ग्राम पंचायत अधिकारी से जानकारी लेंगे।
पांच लाख तक का मुफ्त इलाज
मुख्यमंत्री आरोग्य योजना की जिम्मेदारी भी स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साची) को सौंपी गई है। योजना में शामिल सभी परिवारों को आयुष्मान की तर्ज पर इलाज मिलेगा। यह पांच लाख रुपये तक का इलाज आयुष्मान योजना से संबंद्ध सरकारी व निजी अस्पतालों में करा सकते हैं।
लखनऊ में साढ़े तीन हजार परिवार जुड़े
सीएम की मुफ्त इलाज योजना में लखनऊ के 3,669 परिवार शामिल हुए हैं। वहीं सीतापुर 7,368, लखीमपुर 18,550, हरदोई 16,350, कानपुर देहात 3,893, कानपुर नगर 21,962 परिवारों को शामिल किया गया। वहीं 75 जनपदों के कुल 8 लाख 55 हजार 167 परिवार शामिल किए गए।