नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के हरेन पंड्या मर्डर केस के 10 दोषियों की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दिया है। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 9 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। पिछले 5 जुलाई को इस मामले में 12 आरोपियों को बरी करने के हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया था। कोर्ट ने हत्या का दोषी मानकर उम्रकैद देने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को बहाल रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने हरेन पंड्या हत्याकांड की दोबारा जांच की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता एनजीओ सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया था।
सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन ने याचिका में कहा था कि सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में गवाह आजम खान के बयानों से इस केस में नया खुलासा हुआ है। आजम खान ने 3 नवम्बर 2018 को ट्रायल कोर्ट में दिए बयान में कहा था कि हरेन पंड्या की हत्या एक कांट्रैक्ट किलिंग का हिस्सा थी। हरेन पंड्या की हत्या की सुपारी डीजी वंजारा ने दी थी। याचिका में कहा गया था कि आजम खान ने ये भी खुलासा किया था कि सोहराबुद्दीन के सहयोगी तुलसीराम प्रजापति ने उसी सुपारी के तहत हरेन पंड्या की हत्या की थी।