नई दिल्ली : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में स्थिति सामान्य हो चुकी है और कानून व्यवस्था के हालात की समीक्षा के आधार पर घाटी में इंटरनेट सेवा बहाल की जाएगी। गृहमंत्री में बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान जम्मू कश्मीर के हालात के बारे में वक्तव्य दिया और सदस्यों के पूरक प्रश्नों का उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के हालात के बारे में देश-दुनिया में बहुत सी भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। शाह ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के समय विपक्षी सदस्यों की आशंकाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय कहा गया था कि इस फैसले से राज्य में खून-खराबा होगा और सैकड़ों लोग मारे जाएंगे। शाह ने कहा कि वह सदन और देश को बताना चाहते हैं कि पांच अगस्त के बाद से एक भी नागरिक पुलिस फायरिंग में नहीं मारा गया। राज्य में पत्थरबाजी की घटनाओं पर भी रोक लगी है। पिछले वर्ष पत्थरबाजी की 802 घटनाएं हुई थीं, जबकि इस वर्ष अब तक ऐसी 544 घटनाएं हुई हैं।
गृहमंत्री ने कहा कि सुरक्षा कारणों और सीमा पार आतंकवाद के मद्देनजर इंटरनेट पर रोक लगी है। प्रशासन कानून व्यवस्था के स्थिति की समीक्षा के आधार पर इंटरनेट बहाली का फैसला करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के हालात और आतंकवाद के खतरे के आधार पर पिछले वर्षों में भी ऐसे कदम उठाये गए थे। उन्होंने नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में मोबाइल टेलीफोन सेवा और इंटरनेट सेवा देश के अन्य राज्यों की तुलना में कई वर्षों बाद सन् 2002 और 2003 में शुरू की गई थी।
गृहमंत्री ने कहा कि राज्य में लैंडलाइन टेलीफोन पूरी तरह चालू हैं। 59 लाख मोबाइल भी सक्रिय हैं। इंटरनेट की बहाली होने तक राज्य में 280 ई-टर्मिनल बनाये गए हैं, जहां लोग इंटरनेट सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। राज्य में स्कूल खुले हैं तथा 10वीं व 12वीं कक्षा की परीक्षाओं में 98-99 प्रतिशत विद्यार्थी शामिल हुए। राज्य में सामान्य स्थिति का ब्योरा देते हुए शाह ने कहा कि सभी 195 थाना क्षेत्रों से धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा हटा ली गई है। केवल रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक निषेधाज्ञा लागू रहती है। शहरों में दुकानें सुबह और शाम खुलती हैं।