अक्सर हृदय रोगों (Cardiovascular Disease) को पुरूष से जुड़ी बीमारी के तौर पर देखा जाता है। इस वजह से हृदय रोगों के लक्षणों को आमतौर पर महिलाओं द्वारा नजरअंदाज कर दिया जाता है। जबकि महिलाओं में भी इसकी जटिलताओं का विकास हो सकता है। इसलिए महिलाओं को भी अपने हृदय स्वास्थ्य (Heart Health) पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है।
एक प्रचलित मिथ है कि पूर्व-रजोनिवृत्त (Premenopausal) महिलाओं में एस्ट्रोजेन से सुरक्षा के कारण दिल के दौरे के विकास की संभावना कम होती है। हालांकि, क्लिनिकल अनुभव और रिसर्च बताते हैं कि हृदय रोग पुरुषों के समान ही महिलाओं को भी चपेट में लेते हैं। हार्ट अटैक (Heart Attack) की स्थिति में महिलाओं में गंभीर स्थिति बन जाती है और सर्वाइवल की संभावनाएं भी कम हो जाती हैं। आइये जानते है इस स्थिति में महिलाओ को क्या करना चाहिए और कैसे इसका रोकथाम हो सकता है
हार्ट की समस्याओं से बचने के लिए महिलाओं को निम्नलिखित बातों पर ध्यान रखना चाहिए।
-नियमित हार्ट चेकअप को नजरअंदाज नहीं करें।
-प्रतिदिन कम से कम 30 मिनिट व्यायाम करें।
-स्मोकिंग ना करें, स्मोकिंग करने वाली महिलाओं में हृदय रोगों का खतरा युवा उम्र में ही बढ़ जाता है। यहां तक कि पेसिव स्मोकिंग भी -खतरनाक है और इसका एक्सपोजर भी अवाइड किया जाना चाहिए।
-प्रतिदिन 30 एमएल से अधिक शराब का सेवन नहीं करें।
-स्वास्थ्यकर भोजन की आदतों पर ध्यान दें।
-बांई ओर छाती में दर्द या भारीपन होने, सांस लेने में परेशानी आने, थकान लगने, पसीने के साथ बैचेनी होने, घबराहट या अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने या घटने जैसी समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करते हुए तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।