जांच से असंतुष्ट कर्मचारियों ने की पूर्व चेयरमैन को गिरफ्तार करने की मांग
लखनऊ : उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) में भविष्य निधि की धनराशि डीएचएफएल में गलत तरीके से निवेश कराने के विरोध को लेकर बिजली कर्मचारी व अभियन्ता 18 व 19 नवम्बर को 48 घण्टे का कार्य बहिष्कार करेंगे। संघर्ष समिति ने घोटाले की जांच पर असंतोष व्यक्त करते हुये प्रदेश सरकार से पुनः मांग की है कि घोटाले के मुख्य आरोपित पावर कारपोरेशन के पूर्व चेयरमैन व अन्य आईएएस अधिकारियों को गिरफ्तार किया जाय। संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री की घोषणा के 15 दिन बाद भी सीबीआई जांच शुरू न होने पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। भविष्य निधि की धनराशि में धांधली के विरोध में रविवार को तेरहवें दिन भी बिजली कर्मचारियों ने प्रदेश भर में विरोध सभायें कर अपना आक्रोश व्यक्त किया। 18 एवं 19 नवम्बर के कार्य बहिष्कार को सफल बनाने के लिए रविवार अवकाश के दिन भी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने प्रदेश भर में परियोजनाओं व जिला मुख्यालयों पर सभायें कर आक्रोश व्यक्त किया।
संघर्ष समिति के केन्द्रीय पदाधिकारियों की लखनऊ में बैठक हुई। संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि हमारी मुख्य मांगे हैं कि जीपीएफ व सीपीएफ के भुगतान की गारण्टी लेते हुये सरकार गजट नोटिफिकेशन जारी करे और घोटाले के मुख्य आरोपित पावर कारपोरेशन के पूर्व चेयरमैन व अन्य जिम्मेदार आईएएस अधिकारियों को गिरफ्तार किया जाये। संघर्ष समिति ने कहा है कि अड़तालीस घण्टे का कार्य बहिष्कार 18 नवम्बर को प्रातः 08 बजे से प्रारम्भ होगा। कार्य बहिष्कार के दौरान बिजली का ग्रिड फेल न हो इसलिये बड़े उत्पादन गृहों, 400 केवी विद्युत उपकेन्द्र व सिस्टम आपरेशन की शिफ्ट में कार्य करने वाले कर्मचारी व अभियन्ता कार्य बहिष्कार में सम्मिलित नहीं होगे। विद्युत वितरण उपकेन्द्रों सहित पारेषण, वितरण व उत्पादन के अन्य सभी कर्मचारी व अभियन्ता पूरी तरह कार्य बहिष्कार करेंगे। संघर्ष समिति ने कहा है कि कार्य बहिष्कार के बाद 18 व 19 नवम्बर को बिजली कर्मचारी राजधानी लखनऊ में शक्ति भवन पर विरोध सभा करेंगे। परियोजनाओं में गेट पर और जनपदों में सबसे बड़े कार्यालय पर विरोध सभाये की जायेंगी।