सतलज जल विद्युत निगम में नियुक्ति के लिए फर्जीवाड़ा उजागर, नियुक्ति पत्र बंटने के बाद मचा हड़कंप

जिले की सीमा से सटे बिहार प्रांत के चौसा में बन रहे 1320 मेगावाट की ताप बिजली घर में नौकरी दिलाने के नाम पर हजारों बेरोजगार युवकों से ठगी करने के मामले का खुलासा हुआ है। फर्जीवाड़े का जाल गाजीपुर से लेकर चेन्नई तक फैला है। नौकरी का नियुक्ति पत्र बांट बेरोजगारों से करोड़ों रुपये ठगी के बाद परियोजना की नोडल एजेंसी एसजेवीएन सक्रिय हो गई है। बताया जाता है कि ताप बिजली घर में नौकरी से संबंधित आवेदन पत्र प्रदेश के विभिन्न जिलों में बेचे गए हैं। इसके लिए गाजीपुर, सैदपुर, मऊ, बलिया, चंदौली, वाराणसी और गोरखपुर में सार्वजनिक स्थलों और फार्म बेचने की दुकानों में सार्वजनिक पोस्टर लगाए गए।

थर्मल परियोजना में काम करने के लिए एसजेवीएन और एलएंडटी में व्यापक पैमाने पर वेल्डर, चालक, सुपरवाइजर, ब्‍वायलर तकनीशियन, पेंटर, प्लंबर आदि के पद पर आवेदन मांगे जाने की जानकारी दी गई। आवेदन जमा करने का पूरा सिस्टम ऑनलाइन रखा गया और फर्जीवाड़े को चेन्नई के किसी सर्वर से ऑपरेट किया गया। शातिर ठगों ने आवेदकों में विश्वास जगाने के लिए आवेदन जमा करने पर कोई शुल्क नहीं रखा, लेकिन सभी को नियुक्ति के लिए चयनित होने की जानकारी देते हुए उन्हें मेडिकल के लिए पांच से दस हजार रुपये लेकर आने को कहा गया। सभी जिलों के आवेदकों को अलग – अलग जिलों में मेडिकल के लिए बुलाया गया और पैसे लिए गए।

ठगी के शिकार गाजीपुर के रोहित कुमार, वशिष्ठ राम, अशोक कुमार, संजीत चौहान आदि ने बताया कि मेडिकल के बाद उन लोगों को फाइनल नियुक्ति की जानकारी देते हुए नियुक्ति पत्र का प्रोसेसिंग फीस के नाम पर किसी अभ्यर्थी से दस हजार तो किसी से 15 हजार रुपये लिए गए। जब वे लोग नियुक्ति पत्र लेकर परियोजना स्थल पर एसजेवीएन के कार्यालय में पहुंचे तो उन्हें अपने ठगे जाने का पता चला।

ठगी का पता चलने के बाद सकते में कंपनी

एलएंडटी के बाद सतलज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) में भी नियुक्ति के नाम पर बेरोजगारों से ठगी किए जाने की जानकारी होने से कंपनी सकते में है। एसजेवीएन के मुख्य वित्तीय अधिकारी सुरेंद्रलालशर्मा ने बताया कि परियोजना का काम अभी प्रारंभिक चरण में है और कंपनी के द्वारा किसी भी पद के लिए आवेदन नहीं मांगे गए हैं। उन्होंने बताया कि रोज कंपनी में फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर युवकों के पहुंचने के बाद उन्होंने ने पूरे मामले से पुलिस के उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है।

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