संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होने वाला है। संसद की कार्यवाही सुचारू और शांतिपूर्ण तरीके से चले इसके लिए संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी की ओर से बुलाई गई सर्व दलीय बैठक (all party meeting) में विभिन्न पार्टियों के दिग्गज नेता पहुंचे हैं। इस बैठक में संसद की कार्यवाही को शांतिपूर्ण तरीके से चलाने के मसले पर बातचीत होगी। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत, अर्जुन राम मेघवाल समेत विभिन्न दलों के नेता मौजूद हैं।
कल शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर से भी सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी जिसमें विपक्षी पार्टियों के नेता पहुंचे थे। विपक्ष के नेताओं ने साफ कहा कि 17वीं लोकसभा का पहला सत्र सरकार के विधायी एजेंडे के नाम रहा था। ऐसे में इस दूसरे सत्र में जनता से जुड़े अहम सवालों को उठाने के लिए अधिक समय दिया जाना चाहिए। इससे साफ हो गया है कि संसद का शीत सत्र में सियासत की गरमी भी नजर आएगी। विपक्षी दलों ने लोकसभा अध्यक्ष से मुद्दों पर बहस के लिए अधिक समय दिए जाने की भी मांग रखी है।
शीत सत्र में दिलचस्प यह रहेगा कि महाराष्ट्र चुनाव के बाद भाजपा से अलग हुई शिवसेना अब विपक्षी खेमे में नजर आएगी। हालांकि, लोकसभा में शिवसेना के 18 सांसदों के बैठने की जगह के बारे में अभी साफ नहीं हो पाया है। कल हुई स्पीकर की सर्वदलीय बैठक में अंतिम कुछ मिनटों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि बिल पेश करने से पहले परिपाटी के हिसाब से कम से कम दो से तीन दिन पहले सरकार जानकारी दे ताकि उन्हें तैयारी करने का मौका मिल सके। इस बार विपक्ष अचानक सदन में बिल लाकर अध्ययन का मौका दिए बिना पारित कराने का रवैया स्वीकार नहीं करेगा।