कम्प्यूटर आपरेटर अपने साथियों के साथ कर रहा था जालसाजी
लखनऊ : अलीगंज पुलिस ने पंचायती राज में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि उसके दो साथी अभी फरार हैं। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार आरोपी पंचायती राज विभाग में कम्प्यूटर आपरेटर है, जो अपने साथियों के साथ मिलकर जालसाजी कर रहा था। पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है। पुलिस के मुताबिक, पंचायती राज विभाग में तैनात राजेश कुमार दुबे ने 12 नवंबर को तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई। उनका आरोप था कि पंचायती राज निदेश डॉ. ब्रहा्रदेवराम तिवारी के फर्जी हस्ताक्षर से कम्प्यूटर ऑपरेटर पद पर नियुक्ति का एक लेटर उनके कार्यालय में मिला।
इस फर्जी नियुक्ति पत्र में भदोही निवासी सौरभ श्रीवास्तव को पंचायती राज में कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर नियुक्ति दिखाया गया था। विभाग के द्वारा जांच में सामने आया कि इस तरक की कोई भर्ती प्रक्रिया में नहीं है। फर्जीवाड़े की आशंका पर विभाग की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया। पुलिस ने जांच के बाद पंचायती राज निदेशालय में तैनात संविदा कर्मी कम्प्यूटर आपरेटर अमृतराज सिंह उर्फ समीर को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में अमृतराज ने बताया कि वह तीन वर्षों से कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर कार्यरत है। उसने कहा कि वह अपने साथी अखंड तिवारी और दिलीप के साथ मिलकर सौरभ श्रीवास्वत को फर्जी नियुक्ति पत्र दिए थे।
नियुक्ति पत्र के बाद लेते थे 1.35 लाख रुपये
पूछताछ में आरोपी अमृतराज ने बताया कि अखंड के कहने पर साथी दिलीप के खाते में सौरभ ने पांच हजार रुपये डाले थे। वहीं, नियुक्ति पत्र मिलने के बाद आरोपियों ने सौरभ से 1 लाख 35 हजार रुपये की मांग की थी। पुलिस का कहना है कि जा की जा रही है कि इस गैंग ने कहीं और किसी के साथ धोखाधड़ी तो नहीं की है। पूछताछ में सामने आया कि आरोपी अमृतराज सिंह अपने कम्प्यूटर पर नियुक्ति पत्र तैयार किया था, जिसके बाद निदेशक पंचायती राज के फर्जी हस्ताक्षर कर उसे जारी किया था। पुलिस ने बताया कि आरोपी अमृतराज सिंह मूल रूप से बलिया का रहने वाला है, जो इस समय अपनी मां और बहन के साथ गोमतीनगर के विराटखंड में रहता है।