लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी में निर्माणाधीन परियोजनाओं पर करें फोकस
लखनऊद : उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रदेश में इस समय 211 सेतु निर्माणाधीन हैं, जिसमें 128 सेतु मार्च 2020 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है, जिन्हे तय समय पर पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि 10 पूर्ण हो गये हैं तथा 02 सेतु इसी माह नवम्बर में पूरे हो जायेंगे। सभी सेतुओं की डेली टेस्टिंग रिपोर्ट मुख्यालय पर ऑनलाइन मंगाई जा रही है। एक एडवाइजरी बोर्ड भी बनाया जा रहा है। उन्होंने यहां एक बैठक में निर्देश दिए कि सेतुओं, रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) और फ्लाईओवर का निर्माण सभी कार्य एप्रूव डिजाइन के अनुसार होना चाहिए। फ्लाई ओवर बनाने व बाईपास बनाने के कार्यों में लगने वाली धनराशि व स्थानीय जरूरतों को देखते हुये यह सुनिश्चित किया जाए कि जिसमें कम लागत लगे, उसे ही बनाया जाए। परियोजनाएं आगामी 20 वर्षों की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर बनायी जाए।
उपमुख्यमंत्री मौर्य ने कहा कि पुराने जर्जर पुलों के निर्माण पर भी विशेष ध्यान दिया जाए और जहां के पुनरीक्षित आगणन आने हैं, अगले 10 दिन के अन्दर अनिवार्य रूप से दे दिये जाएं। अयोध्या लखनऊ और वाराणसी में निर्माणाधीन सड़क व पुलों की परियोजनाओं पर विशेष रूप से फोकस किया जाए। उन्होंने सेतु निगम के सभी चीफ प्रोजेक्ट मैनेजरों को निर्देश दिये कि वह प्रतिदिन दो शिफ्टों में कार्य करायें। सुबह 8 बजे से रात 12 बजे तक दो शिफ्टें बनायी जाएं और यह भी ध्यान रखा जाए कि प्रथम शिफ्ट में कार्य करने वाले लोग दूसरी शिफ्ट में न रहें। उन्होंने निर्देश दिये कि कार्य करने वाले मजदूरों आदि का बीमा अवश्य कराया जाय।
बैठक में कास्टिंग कार्यशाला बनाये जाने हेतु लखनऊ में लोक निर्माण विभाग की 14 बीघा जमीन उपलब्ध कराने के लिए प्रबन्ध निदेशक सेतु निगम पीके कटियार द्वारा किये गये अनुरोध को स्वीकार करते हुये जमीन उपलब्ध कराने की सैद्धान्तिक सहमति भी प्रदान की गयी। कटियार ने बताया कि सेतु निगम में व्यय की ऑनलाइन व्यवस्था भी बनायी गयी है। पर्यावरण संरक्षण के लिए पानी का छिड़काव किये जाने के निर्देश सभी चीफ प्रोजेक्ट मैनेजरों को दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक सेतु निगम द्वारा 1892 करोड़ रुपये के कार्य एक साल में कराये जाने का रिकार्ड रहा है और उनकी कोशिश है कि इस वर्ष 2200 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि के कार्य पूर्ण कराये जाए।