खगड़िया (बिहार) : खगड़िया के बहुचर्चित नाबालिग सामूहिक दुष्कर्म मामले में पोक्सो के विशेष न्यायाधीश सह एडीजे प्रथम ने गुरूवार को मुख्य आरोपी अर्जुन साह की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। उधर पुलिस ने सभी आरोपियों के घर इश्तिहार चिपकाकर कागजी कार्रवाई पूरी करने का दावा किया है। गुरूवार को मुख्य आरोपी अर्जुन साह की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत याचिका पर बहस करते हुये वरीय अधिवक्ता जितेन्द्र कुमार सिंह ने दलील दी कि आरोपी की उम्र लगभग 70 वर्ष है और जमीन के लालच में पीडिता की मां ने यह झूठा केस किया है।
विशेष लोक अभियोजक राजीव रमण और पीडिता के वकील एके सिन्हा ने दलील दिया कि यह एक घृणित अपराध है। उम्र कोई राहत और दया का पैमाना नहीं हो सकता। आसाराम बापू के केस में उच्चतम न्यायालय ने भी यह स्पष्ट कर दिया है। पीडिता द्वारा कोर्ट में दर्ज कराये गये बयान और मेडिकल रिर्पोट से स्पष्ट हो गया है कि पीडिता का एक साल से सामूहिक यौन शोषण हुआ है। पीडिता की मां ने भी कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया है। सभी आरोपी भूमि माफिया हैं तथा पीडिता के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर वीडियो बना लिया और वायरल करने की धमकी देकर यौन शोषण करता रहा।
इधर पुलिस ने पीड़िता की सुरक्षा का हवाला देकर उसे बालिका गृह भेज दिया था जहां से एक माह बाद पीडित मुक्त की गई। इस मामले में भी कानून उल्लंघन किया गया है। पोक्सो कोर्ट ने अनुसंधानकर्ता से प्रतिवेदन मांगा था उसका जवाब भी संतोषजनक नहीं मिला। अभियुक्तों के रसूख को देखते हुये पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पुलिस के सामने से मुख्य आरोपी फरार हो गया था। केस डायरी देखने से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस अभियुक्तों को बचाने में लगी है।