लखनऊ : राजधानी लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में गलत पिन कोड एवं गलत पता भरे जाने की वजह से गत छह माह के दौरान आवेदकों के करीब 24 हजार ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) लौटकर परिवहन आयुक्त कार्यालय में फिर से आ गए हैं। अपर परिवहन आयुक्त (आईटी) विनय कुमार सिंह ने मंगलवार को बताया कि बीते छह माह के दौरान करीब 24 हजार ड्राइविंग लाइसेंस जो डाक से लौटे हैं, उनमें अधिकांश में गलत पता और अपने क्षेत्र का पिन कोड गलत भरा गया है। इसलिए लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन के समय सही पता और सही पिन कोड भरा जाना चाहिए ताकि स्थाई डीएल आवेदन में भी सही पता दर्ज हो सके। इससे डाक से डीएल घर पहुंचना आसान हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि डाक से भेजे गए जो डीएल वापस लखनऊ मुख्यालय आ गए है, उन्हें संबंधित क्षेत्र के आरटीओ कार्यालय में भेज दिया गया है। इस संबंध में एनआईसी हैदरबाद की ओर से एक सारथी पोर्टल तैयार किया गया है। इसमें वापस आरटीओ भेजे गए डीएल का ब्योरा दर्ज है। आवेदक 15 नवम्बर से सारथी पोर्टल पर जाकर अपने डीएल का ब्योरा देख सकेंगे। वे संबंधित आरटीओ कार्यालय जाकर पते का प्रमाण दिखाकर डीएल हासिल भी कर सकेंगे। अपर परिवहन आयुक्त ने बताया कि गलत पता और पिन कोड सही कराने के लिए आवेदकों को दोबारा फीस जमा करनी होगी। इसके लिए आवेदक को 400 रुपये खर्च करने होंगे। इसके बाद ही डाक से पते पर डीएल की डिलीवरी परिवहन आयुक्त मुख्यालय से की जाएगी।