1992 में विवादित ढांचा गिरने के बाद मुख्यमंत्री पद से दिया था त्यागपत्र
अयोध्या मुद्दे पर कोर्ट ने कल्याण सिंह को सुनाई थी एक दिन की सजा
लखनऊ : अयोध्या आंदोलन में सबसे बड़ी कुर्बानी देने वाले और सजा पाने वाले एक मात्र भाजपा नेता कल्याण सिंह ने सोमवार को पहली बार सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी बात बेबाकी से रखी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का सर्वसम्मति से दिया गया फैसला सर्व समावेशी है। यही कारण है कि किसी ने इस फैसले पर विरोध का स्वर नहीं निकाला। अब राम मंदिर की बनाई गई संकल्पना पूरी होने जा रही है। इसे राजनीति से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। यह भारतीय संस्कृति का सवाल है। उन्होंने प्रेसवार्ता में कहा कि मैं खुद रामभक्त हूं। राम मंदिर निर्माण के लिए जीने-मरने वाले मेरे साथ सैकड़ों लोगों का सपना इस निर्णय से साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि अब मैं रामलला के दर्शन करने अयोध्या जाऊंगा लेकिन अभी उसकी तिथि नहीं बता सकता।
राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल किये जाने वाले लोगों के नाम के बारे में उन्होंने कहा कि यह सरकार का मामला है। वह किसको तय करती है, उसमें हमसे कुछ भी लेना-देना नहीं है। आज की तिथि में सबसे खुशी की बात यह है कि कोर्ट के इस निर्णय से पांच सौ साल से चला आ रहा विवाद समाप्त हो गया। अब राम की नगरी में भव्य मंदिर निर्माण के साथ ही वहां ऐसा विकास होना चाहिए कि विश्व की नजर उस पर हमेशा प्रसंशा के रूप में पड़े। उन्हाेंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पूरा विश्वास है कि राम की नगरी का अद्भुत विकास होगा। अयोध्या में विवादित ढांचा गिराये जाने के संबंध में दोषी होने की एक टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि इस मामले में मेरे, आडवाणी जी व उमा भारती पर सीबीआई कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। इस पर मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि 39 गवाहों में से अब तक सिर्फ सात की गवाही हुई है।