मनोज श्रीवास्तव, लखनऊ। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी को नया कलेवर देने के लिए जितने भी प्रयास कर रहे हैं यूपी में संगठन की मजबूती के लिए सब फेल हो जा रहा है।युवक कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव यादव को बनाने के बाद भी पार्टी से न पिछड़े नौजवान जुड़ पा रहे हैं और न ही यादव।
प्रदेश भर के युवा नेताओं को लेकर बमुश्किल पांच सौ की भीड़ लेकर राजधानी में लाठीचार्ज के बीच प्रदर्शन करने वाले केशव यादव जी प्रेस के सामने यह कह कर राहुल की हवा निकाल दिए कि लाठीचार्ज में दर्जनों लोगों के घायल होने के बाद भी राहुल गांधी का एक फोन भी नहीं आया। प्रदेश में कांग्रेस की रीढ़ रहे नेताओं को राहुल गांधी द्वारा कमजोर करने से 2019 में कांग्रेस को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। यूपी में अंतिम सांस गिन रही कांग्रेस की जान अपनी फितरत से बचाने वाले प्रमोद तिवारी को लगातार नीचा दिखा कर संगठन में ब्राह्मणों को अपमानित किया जा रहा है।
राज्यसभा सांसद डॉ संजय सिंह को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की मुख्यधारा से हटा कर राहुल ने कांग्रेस का कम किन्तु अपना अधिक नुकसान किया है।राहुल गांधी जिस अमेठी लोकसभा क्षेत्र सांसद हैं वह कांग्रेस में खासकर गांधी परिवार का गढ़ कहा जाता है।जानकार बताते हैं कि राहुल यह भूल गए की अमेठी सीट जब कांग्रेस से छिनी थी तब संजय सिंह यहां भाजपा से सांसद हुए थे। यदि भाजपा संजय सिंह को प्रत्यासी बना देगी तो गठवन्धन के बावजूद राहुल का जीतना लोहे के चने चबाना जैसा हो जाएगा।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सलमान खुर्शीद पार्टी के बड़े मुस्लिम चेहरे हैं उन्हें हाशिये पर ढकेल कर राहुल नदीम असरफ जायसी को बढ़ा रहे हैं जिससे मुसलमानों के एक बड़े वर्ग में नाराजगी व्याप्त हो गयी है।इस संदर्भ में पिछले 30 वर्षों से कांग्रेस की राजनीति पर विशेष पकड़ रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार श्याम कुमार का कहना है कि यूपी में सपा बैशाखी पर चल कर 2017 के विधानसभा में 7 सीट जितने वाली कांग्रेस राहुल की मूर्खतापूर्ण निर्णयों से लोकसभा 2019 के बाद वेंटिलेटर पर पहुंच सकती है। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले जिस तरह राहुल अपनों को नीचा दिखाने में जुटे हैं वह दिन दूर नहीं जब दुश्मनों से ज्यादा उपेक्षित कांग्रेसी ही पार्टी के खिलाफ दो-दो हाथ करते दिखेंगे।