लखनऊ : रामजन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास ने आज कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में एक विशिष्ट लोगों का ट्रस्ट तैयार करने की बात कही है। उसके माध्यम से ही मंदिर निर्माण का काम होगा। अभी रामजन्मभूमि न्यास इस काम को कर रहा है। इसमें और लोगों को मिला लिया जाएगा। ट्रस्ट भी न्यास के साथ ही मिलकर काम करेगा। राम जन्मभूमि न्यास के माध्यम से ही मंदिर निर्माण का कार्य होगा। अयोध्या में भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने को लेकर चर्चा तेज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को तीन महीने के भीतर मंदिर बनाने और प्रबंधन के लिए ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही इसका गठन सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट की तर्ज पर कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ जमीन पर ही अपना फैसला दिया है। इसलिए शेष बची 64.23 एकड़ जमीन भी ट्रस्ट को सौंपी जा सकती है।
दरअसल 1993 में शेष जमीन केंद्र सरकार ने अधिगृहीत की थी। इसमें 43 एकड़ जमीन विश्व हिन्दू परिषद के पास थी, जिसका उसने मुआवजा नहीं लिया। इस आधार पर विहिप ट्रस्ट में शामिल होने का दावा कर सकता है। विहिप का दावा है कि उसी ने संत-साधु समाज के साथ मिलकर इस आंदोलन की शुरुआत की थी। इसके अलावा करीब 20 एकड़ जमीन श्री अरविंद आश्रम समेत कई संगठनों की थी। इन्होंने केंद्र से इसका मुआवजा ले लिया था। ऐसे में ट्रस्ट का गठन और उसमें शामिल लोगों की भूमिका बेहद अहम होगी। सूत्रों के मुताबिक ट्रस्ट में जहां राम जन्मभूमि न्यास, निर्मोही अखाड़ा के अलावा कुछ बड़े धर्मगुरु शामिल किए जा सकते हैं। वहीं दूसरी ओर समाज के कुछ वरिष्ठ नागरिक, राम मंदिर से जुड़े संगठनों को भी इसमें जोड़ने की सम्भावना है। बेहतर प्रशासन के लिए राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल हो सकते हैं। ट्रस्ट के सदस्य के चयन और मंजूरी में प्रधानमंत्री की भूमिका भी अहम हो सकती है।