प्रवासी भारतीयों के दल ने प्रबोधिनी एकादशी पर गंगा में लगाई आस्था की डुबकी
प्रवासी भारतीयों के दल ने हरि प्रबोधिनी एकादशी पर दशाश्वमेध घाट पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान काशी में मां गंगा, काशी विश्वनाथ और श्री हरि भगवान विष्णु के प्रति लोगों के समर्पण भाव को देख दंग रह गये। घंटो गीले कपड़ों में महिलाओं और पुरूषों को गंगा और भगवान विष्णु का आराधना करते देख उन्हें अपने पूर्वजों की इस आध्यात्मिक संस्कृति पर गौरव का एहसास हुआ। दल के अगुआ प्रकाश बहादुर ने बताया कि उनके दादा बिहार आरा जिला के निवासी थे। हमेशा भारत के त्यौहारों के बारे में बताते थे। अपने दादा के मुख से भारत के बारे में सुनने के बाद अपने पूर्वजों की धरती पर आने का मौका मिला। उन्होंने बताया कि दल 70 दिन की यात्रा पर भारत आया हुआ है।
भारत के प्रमुख तीर्थ ऋषिकेश, हरिद्वार,उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनउ,भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या के बाद बाबा विश्वनाथ के धरती पर आये। आज यहां से दल शाम को पटना आरा के लिए रवाना हो जायेगा। वहीं, मॉरीशस के प्रवासी भारतीय सूर्यदेव विशेशर (संगीतमय रामायण दल के रामायणी), गायिका लीलावती,प्रीत तूफानी राम ने कहा कि काशी में अब बड़ा बदलाव दिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से गंगा घाटों पर साफ-सफाई अद्भुत है। वाराणसी में कई बार आ चुके दल के अगुवा प्रकाश बहादुर ने बताया कि उनकी बेटी स्वयंप्रभा कथक नृत्यांगना है और यहीं बीएचयू से पढ़ी है। ऐसे में बनारस आना जाना लगा रहा। पिछले पांच सालों में बनारस में सुखद बदलाव देख मन गदगद हो जाता है। पहले घाटों पर गंदगी रहती थी। लेकिन वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर गंगा घाटों के साथ शहर का नजारा बदल गया है।