ताकतवर हुआ डेंगू वायरस, सीधा कोशिकाओं पर कर रहा है हमला

डेंगू के मरीजों की मौत का आंकड़ा इस बार यूं नहीं बढ़ा है। इसकी वजह डेंगू वायरस का ताकतवर होना है। वह भी इतना कि रोगों से लडऩे वाली श्वेत रक्त कणिकाओं (लिंफोसाइट) पर हमला कर उनकी संरचना बदल रहा है। शरीर में एंटीबॉडीज बन रही हैं, ऑटो इम्यून डिसआर्डर की आशंका बढ़ी है। ऐसे में रक्षा करने वाली श्वेत रक्त कणिकाएं ही शरीर को नुकसान पहुंचा रही हैं। लिंफोसाइट और ल्यूकोसाइट की बढ़ी मात्रा कैंसर की आशंका दिखाती है लेकिन लैब परीक्षण में कोई प्रमाण नहीं मिल रहा है। इससे हैरान चिकित्सक और पैथालॉजिस्ट इस पर अध्ययन कर रहे हैं।

अध्ययन में अभी तक मिले तथ्य डेंगू वायरस को पिछले वर्ष की तुलना में बेहद ताकतवर बता रहे हैं। मसलन, यह डेंगू वायरस मरीज को दो दिन में ही शॉक सिंड्रोम की गिरफ्त में ला रहा है। पिछले वर्षों में संदिग्ध मरीजों में 25 फीसद डेंगू पॉजिटिव होते थे, इस वर्ष साठ फीसद से अधिक पॉजिटिव हैं। 30 फीसद मरीजों में ही प्लेटलेट्स काउंट्स कम होते थे, इस वर्ष 90 फीसद मरीजों में प्लेटलेट्स काउंट 15 हजार तक आया है। हीमोग्लोबिन भी कम हो रहा है। ब्लड और प्लेटलेट्स पैक चढ़ाने पर भी दोनों की मात्रा नहीं बढ़ रही है। जिन मरीजों की मौत हुई है, उनमें से कई में एंटीबॉडीज पॉजिटिव और इम्यून डिसआर्डर के लक्षण दिखे हैं। माइक्रोस्कोपिक परीक्षण में श्वेत रक्त कोशिकाओं की संरचना में बदलाव दिख रहा है।

लखनऊ और कानपुर में डेंगू के सर्वाधिक केस 

सरकारी आंकड़े में प्रदेश में लखनऊ पहले और कानपुर दूसरे नंबर पर है। निजी लैब के डेंगू मरीजों के आंकड़े भी शामिल कर लें तो डेंगू मरीजों का आंकड़ा तीन हजार से ऊपर पहुंच चुका है लेकिन शासन को केवल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज और उर्सला अस्पताल की लैब के आंकड़े भेजे जा रहे हैं। कानपुर में 1630 डेंगू मरीज मिले हैं। इसमें 1211 मरीज कानपुर और 429 मरीज आसपास के जिलों के हैं। 15 दिनों में 57 डेंगू मरीज दम तोड़ चुके हैं, हालांकि शासन मौत के इन आंकड़ों को नकार रहा है।

इनका ये है कहना

रोजाना 250 मरीजों की जांच हो रही है, जिसमें 60 फीसद डेंगू पॉजिटिव मिल रहे हैं। इस बार 90 फीसद डेंगू पॉजिटिव केस में प्लेटलेट्स बेहद कम पाए गए। माइक्रोस्कोपिक परीक्षण में श्वेत रक्त कोशिकाओं की संरचना बदली दिख रही है। इससे मरीज शॉक में जा रहे हैं।

– डॉ. उमेश पालीवाल, पैथालॉजिस्ट

पिछले 15 दिनों में हेमरेजिक डेंगू के मरीज अधिक आ रहे हैं। अगर पहले कभी किसी को डेंगू या फीवर हुआ है तो दूसरी बार का संक्रमण खतरनाक है। ऐसे मरीजों में एंटीबाडीज रिएक्शन घातक साबित हो रहा है। मरीज बेसुध आ रहे हैं।

– डॉ. एके आर्या, प्रोफेसर, बाल रोग, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।

विशेषज्ञ की राय

शरीर पर बैक्टीरिया या वायरस के हमले में संक्रमण से बचाव का काम श्वेत रक्त कणिकाएं (डब्ल्यूबीसी) करती हैं। लेकिन कोशिकाओं की संरचना मेें बदलाव से प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) कमजोर हो रही है। ये कोशिकाएं प्रतिरक्षण के बजाए शरीर को नुकसान पहुंचाने लगती हैं, जो जानलेवा साबित होता है। इसका इलाज इम्यूनोग्लोबुलिन एवं स्टेरायड से संभव है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com