आंध्र प्रदेश सरकार ने नाव दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य में जल्द ही 8 कंट्रोल रूम का उद्घाटन किया जाएगा। ये कंट्रोल रुम नाव पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने का काम करेंगे। इसके अलावा बोट के लिए राज्य सरकार लाइसेंस भी जारी करेगी। वहीं उन्हें स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, बुधवार को मुख्यमंत्री वाइएस जगन मोहन रेड्डी ने रिव्यू मीटिंग में इस विषय पर चर्चा की। इस बैठक में उन्होंने नाव के दौरान होने वाले हादसे को रोकने के लिए 8 कंट्रोल रूम का सेटअप करने का फैसला किया गया। इसमें जल संसाधन, पुलिस और पर्यटन विभाग के कर्मचारी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री कार्यालाय से मिली जानकारी के मुताबिक, सभी कंट्रोल रूम में कम से कम 13 स्टाफ होगा। इसमें तीन पुलिस कांस्टेबल भी शामिल हैं।
21 नवंबर 2019 तक मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी 8 कंट्रोल रूम का उद्घाटन करेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि ये कंट्रोल रूम बोट की सभी जानकारी रखेंगे। वहीं उन्होंने बोटिंग के दौरान शराब के सेवन पर प्रतिबंध लगाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने सभी आधिकारियों को जीपीएस कनेक्शन लगाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि कंट्रोल रूम स्टाफ को तीन महीने तक ट्रेनिंग दी जाएगी।
गौरतलब है कि राज्य में 15 सितंबर 2019 को रॉयल वशिष्ठ नाव गोदावरी नदी में जा गिरी थी। इस दौरान बोर्ड के 77 व्यक्तियों में से केवल 26 व्यक्ति बच पाए थे। नाव को नदी से बाहर लाया गया और 22 अक्टूबर को किनारे पर ले जाया गया था। इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला किया है। मिली जानकारी के मुताबिक, कंट्रोल रूम का चार्ज एमआरओ के अंतर्गत होगा। इस दौरान अगर कंट्रोल रूम में किसी भी प्रकार की खतरा नहीं दिखाई दिया तो राज्य सरकार स्टाफ को 2 महीने की सैलरी और इंसेंटिव देगी।