लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पावर कार्पोरेशन (यूपीपीसीएल) के कर्मचारियों की भविष्य निधि निजी कम्पनी डीएचएफल में घोटाले के मामले में गिरफ्तार निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी और महानिदेशक पीके गुप्ता को न्यायालय में पेश किया गया। ईओडब्ल्यू ने कोर्ट से सात दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने दोनों को तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेजा है। ईओडब्ल्यू के डीजी आरपी सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के पावर कार्पोरेशन (यूपीपीसीएल) के कर्मचारियों की भविष्य निधि निजी कम्पनी डीएचएफल में घोटाले के मामले में ईओडब्ल्यू ने निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी, महानिदेशक पीके गुप्ता को बीते दिनों गिरफ्तार किया गया था। इसमें ईओडब्ल्यू ने पूर्व एमडी अयोध्या प्रसाद को भी गिरफ्तार किया था। इन सभी के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया। इसके बाद ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने तीनों से गहनता से पूछताछ की। बुधवार दोपहर को ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में पेश किया गया और पूछताछ के लिए सात दिन की पुलिस रिमांड मांगी, लेकिन सिविल जज जूनियर डिविजन ने तीन दिन की रिमांड ही मंजूर दी है।
बुधवार शाम चार बजे से नौ नवम्बर शाम चार बजे तक की ईओडब्ल्यू को पुलिस रिमांड मिली है। सूत्रों की माने तो इन दोनों की पुलिस रिमांड मिलने पर कई ऐसे और अधिकारी है, जो इस घोटाले में शामिल है और उनकी भी गिरफ्तारी की जायेगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के आदेश पर इस पूरे प्रकरण की जांच नये सिरे से शुरु कर दी गयी है। जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। सूत्रों की माने तो इसमें यूपीपीसीएल के पूर्व चेयरमैन संजय अग्रवाल समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों से भी पूछताछ की जायेगी। प्रदेश सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश गृह मंत्रालय से की है।