अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने में जुटी मोदी सरकार पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिये वार किया है. शिवसेना ने सामना में लिखा है कि इस समय देश में तानाशाही चल रही है. इसका समर्थन करने की जगह वो जनता के साथ जाना चाहेगी. 543 सांसदों वाली लोकसभा में इस वक्त 11 सीटें खाली हैं. य़ानी लोकसभा में सांसदों की मौजूदा संख्या 532 है. इस लिहाज से बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 267 सीटों का है.
फिलहाल बीजेपी के 272 सांसदों के साथ सरकार के पक्ष में कुल 295 सांसद हैं. ये आंकड़ा 313 का होता. इस लेख में शिवसेना ने अपने इरादे नहीं लिखे है. 147 सांसद विरोध में हैं, और शिवसेना के 18 सांसदों को भी जोड़ा जाये तो गणित 165 होता है. इस बीच गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उद्धव को फोन करने की खबर भी है और शिवसेना के मोदी सरकार के पक्ष में रहने की अटकले लगाई जा रही है. मगर ये अभी अटकले ही है.
साफ तस्वीर अभी तक सामने नहीं है. मगर सामना के लेख में बहुत कुछ इशारों में कह दिया गया है. गौरतलब है कि मानसून सत्र के पहले दिन ही विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को सुमित्रा महाजन ने मंजूरी दे दी है.