महाराष्ट्र में भाजपा ने 2014 में पहली बार सरकार बनाई और पहली ही बार खास उपलब्धि हासिल कर ली। देवेंद्र फडणवीस से पहले कांग्रेस के मुख्यमंत्री वसंतराव नाइक ने न सिर्फ पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा किया था बल्कि फिर से मुख्यमंत्री भी बने। 1960 से 2014 तक महाराष्ट्र में 26 मुख्यमंत्रियों ने शपथ ली। लेकिन नाइक के बाद सिर्फ फडणवीस ही अपना कार्यकाल पूरा करने में सफल रहे।
नाइक ने 1967 से 1972 तक अपना सीएम कार्यकाल पूरा किया था। वसंतराव नाइक दोबारा जीतकर आए और फिर से मुख्यमंत्री बने। मगर 1975 में आपातकाल के दौरान उन्हें पद से हटाकर शंकरराव चव्हाण को सीएम बना दिया गया। माना जाता था कि चव्हाण इंदिरा गांधी के वफादारों में से एक थे। मगर आपातकाल हटने के बाद वसंतदादा पाटिल सीएम बन गए।
आपातकाल के बाद कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में वापसी की कोशिशें की और पाटिल ने गठबंधन की सरकार बनाई। मगर पार्टी के भीतर उपजे मतभेदों के चलते उन्हें पद गंवाना पड़ा। उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने वाला शख्स उन्हीं की पार्टी का एक युवा नेता था। जिसका नाम था शरदराव गोविंदराव पवार। महज 37 साल की उम्र में यहां तक पहुंच शरद पवार राज्य के सबसे युवा सीएम बन गए। मगर 1980 में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।