नाम बदलकर बंथरा क्षेत्र में रहती थी मृतका
प्रेमी व उसके दोस्त को पुलिस ने किया गिरफ्तार
लखनऊ : बंथरा इलाके में पांच दिन पहले युवती का शव हत्या कर नहीं फेंका गया था, बल्कि करवा चौथ पूजा में प्रेमी के ना आने पर नाराज होकर युवती ने खुद फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। बाद में अगले दिन घर पहुंचे प्रेमी ने उसे मृत लटका देख पहचान छुपाने के लिए अपने चालक के माध्यम से बंथरा के पुराही खेड़ा गांव के पास शव फेंक दिया और फरार हो गए। पुलिस ने मृतका की पहचान होने के बाद सर्विलांस की मदद से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर गुरुवार को घटना का खुलासा किया है।
पुलिस के मुताबिक अमेठी जिले के जगदीशपुर थानांतर्गत पूरे हामी के पुरवा मौजा इमली गांव निवासी मुस्ताक अहमद की बेटी मोहसिना बानो (27) की शादी करीब 8 साल पहले यहीं के मो. नसीम के साथ हुई थी। बाद में एसी मकैनिक मो. नसीम मोहसिना को लेकर मुंबई में रहने लगा। मोहसिना के 3 बच्चे भी हैं। पुलिस ने बताया कि मायके आने-जाने के दौरान मोहसिना की दोस्ती यहीं के कठौरा कमरौली निवासी महेंद्र से हो गई। महेंद्र जगदीशपुर में ही स्टेशनरी की दुकान चलाता है। महेंद्र के पास एक बोलेरो डाला भी है। जिसे यहीं के मुसाफिर खाना अंतर्गत नियावा निवासी संदीप चलाता है।
पुलिस ने बताया कि मोहसिना मुंबई में अपने पति के साथ रहती थी, लेकिन उसकी फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए महेंद्र से बराबर बात होती रहती। जिसके चलते ही मोहसिना बीते जून माह में मुंबई से अचानक भाग निकली। काफी खोजबीन के बाद 29 जून को नसीम ने मुंबई के पवई थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस का कहना है कि महेंद्र और मोहसिना के बीच हुई बात के बाद मोहसिना लखनऊ पहुंचकर महेंद्र से मिली। जिस पर महेंद्र ने कुछ दिनों के लिए सरोजनीनगर स्थित दरोगा खेड़ा में किराए का कमरा लेकर उसे वहां रख दिया। इसके बाद महेंद्र हफ्ते में दो-तीन बार उसके पास मिलने आता जाता रहा। कुछ दिन किराए के कमरे में रहने के बाद महेंद्र ने संदीप के नाम से बंथरा इलाके के दादूपुर स्थित नई कॉलोनी में 9 लाख रुपये में एक मकान खरीदा और उसमें 2 महीने से रहने लगा। यहां मोहसिना अपना नाम बदल कर खुशी गुप्ता उर्फ परी के नाम से हिंदू रिती रिवाज के हिसाब से रहने लगी। पुलिस की मानें तो महेंद्र शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं।
इसलिए वह मोहसिना के साथ बराबर नहीं रहता था। पुलिस ने बताया कि महेंद्र करवा चौथ वाले दिन 17 अक्टूबर को अपने किसी काम से लखनऊ आया, लेकिन मोहसिना के पास नहीं गया। जबकि मोहसिना फोन के द्वारा उसे बराबर बुलाती रही। जब महेंद्र नहीं पहुंचा तो मोहसिना ने नाराज होकर घर के अंदर रस्सी के सहारे पंखे के हुक से लटक कर आत्महत्या कर ली। अगले दिन महेंद्र जब मोहसिना के पास पहुंचा तो उसे मृत अवस्था में लटका देख उसके होश उड़ गए। उसने रस्सी काट कर शव को नीचे उतारा। बाद में अपने चालक संदीप को बुलाया। संदीप देर शाम करीब 7 बजे बोलेरो डाला लेकर दादूपुर पहुंचा। जिसके बाद दोनों ने मिलकर मोहसिना का शव डाला के जरिए बंथरा स्थित पुराही खेड़ा के बाहर खेतों में सिंचाई करने वाली नाली में ले जाकर फेंक दिया।
इस दौरान दोनों ने पहचान छुपाने के लिए अपने साथ ले गई हाइड्रोक्लोरिक एसिड की 3 शीशियों में से एक सीसी की एसिड उसके चेहरे पर डाली, लेकिन उससे कुछ खास फर्क नहीं पड़ा। जिसके कारण दो भरी शीशी शव के पास डाल कर वहां से भाग निकले। बाद में अज्ञात शव मिलने की खबर अखबारों में छपी। तब मोहसिना के पिता मुस्ताक ने राजधानी स्थित पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर उसकी पहचान की। उधर पुलिस ने भी हत्या में रिपोर्ट दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी। जिसके बाद पुलिस ने मोहसिना के मोबाइल नंबर और घटनास्थल के आसपास मोबाइल टावरों के माध्यम से सर्विलांस के जरिए आरोपियों का पता लगाया। फिलहाल पुलिस ने गुरुवार दोपहर महेंद्र और संदीप को बंथरा के ही दादूपुर मोड़ से आगे देसी शराब ठेके के पास से गिरफ्तार कर लिया। जहां पूछताछ में दोनों ने पूरी घटना कबूल दी। बाद में पुलिस ने मामले से हत्या की धारा हटाकर दोनों को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने व साक्ष्य छुपाने के आरोप में जेल भेज दिया है।