सोनिया के गढ़ रायबरेली में कांग्रेस का बड़ा दांव, विपक्षी दलों को झटका

विधायक अदिति सिंह के भाई को पार्टी में किया शामिल

रायबरेली : विधायकों के बगावती तेवरों से परेशान कांग्रेस ने एक बड़ा दांव चला है। बागी तेवर अपना रही विधायक अदिति सिंह के भाई को अपने पाले में करके कांग्रेस ने रायबरेली में विरोधियों को बड़ा झटका दिया है। विधायक अदिति सिंह के चचेरे भाई मनीष सिंह ने शनिवार को दिल्ली में प्रियंका वाड्रा से हुई मुलाकात के बाद बुधवार को रायबरेली में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। मनीष सिंह को पार्टी में शामिल कराना प्रियंका की रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है। भारी समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हुए मनीष सिंह ने रायबरेली में कांग्रेस को मजबूत करने की बात कही है। मनीष सिंह 2012 और 2017 में हरचंदपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। 2012 में वह पीस पार्टी से उम्मीदवार थे जबकि 2017 में उन्होंने बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वह कांग्रेस, भाजपा के बाद तीसरे स्थान पर रहे थे।

मनीष सिंह को कांग्रेस में शामिल कर प्रियंका ने विरोधियों को कड़ा संदेश दिया है। इसे बागी हो रहे विधायकों के लिए भी एक कड़ा संकेत माना जा रहा है। मनीष सिंह को पार्टी में शामिल करके प्रियंका ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं। इसे सोनिया के कमजोर हो रहे गढ़ में एक तरफ हरचंदपुर में भाजपा एमएलसी दिनेश सिंह के भाई और कांग्रेस विधायक राकेश सिंह को उन्हीं के क्षेत्र में घेरने और विधायक अदिति सिंह के बागी तेवरों को मात देने के रूप में देखा जा रहा है। मनीष सिंह रायबरेली के कद्दावर राजनीतिक परिवार से आते हैं। उनके पिता अशोक सिंह 1996 और 1998 में भाजपा से सांसद रह चुके हैं व रायबरेली से भाजपा के एक मात्र सांसद रहे हैं। अशोक सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुके हैं और जिले की राजनीति में उनका खासा दख़ल रहा है। मनीष सिंह के चाचा अखिलेश सिंह कई बार रायबरेली से विधायक रहे जिनकी बेटी अदिति सिंह आजकल कांग्रेस से विधायक हैं।

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