सुनवाई के दौरान सीबीआई ने चिदंबरम की जमानत का विरोध किया था। उधर, चिदंबरम ने आरोप को गलत बताते हुए जमानत की मांग की। सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि चिदंबरम, उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम और कंपनियों समेत 15 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया है। मेहता ने कहा था कि सीबीआई इसका खुलासा नहीं करेगी कि पी चिदंबरम ने किस गवाह को प्रभावित किया लेकिन उसका नाम सक्षम कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि गवाह इंद्राणी मुखर्जी नहीं हैं बल्कि कोई और है। मेहता ने कहा था कि इस बात का गंभीर खतरा है कि गवाहों से संपर्क किया जा रहा है और उन्हें प्रभावित किया जा रहा है। उन्होंने चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि उन्हें तब तक जमानत नहीं दी जानी चाहिए जब तक इस केस के महत्वपूर्ण गवाहों से पूछताछ नहीं हो जाए। मेहता ने कहा था कि सीबीआई केवल आईएनएक्स डील की ही जांच नहीं कर रही है बल्कि वो चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड की स्वीकृति देने में उनके और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम की क्या भूमिका थी।
INX Media मामले में चिदंबरम को राहत, लेकिन ईडी मामले में हिरासत बरकरार
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट आईएनएक्स मीडिया डील से जुड़े सीबीआई के मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को जमानत दे दिया है। जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अगर चिदंबरम को दूसरे मामले में हिरासत में लेने की जरूरत नहीं है तो उन्हें रिहा किया जाए। कोर्ट ने उन्हें एक लाख रुपये की जमानत राशि और निजी मुचलके पर जमानत दी है। कोर्ट ने चिदंबरम को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के निष्कर्षों का ट्रायल कोर्ट में चल रहे मामलों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कोर्ट ने चिदंबरम को बिना ट्रायल कोर्ट की अनुमति के देश छोड़ने से मना किया है। पिछले 18 अक्टूबर को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से चिदंबरम जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे क्योंकि वे ईडी के मामले में हिरासत में हैं।