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सुनवाई के दौरान सीबीआई ने चिदंबरम की जमानत का विरोध किया था। उधर, चिदंबरम ने आरोप को गलत बताते हुए जमानत की मांग की। सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि चिदंबरम, उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम और कंपनियों समेत 15 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया है। मेहता ने कहा था कि सीबीआई इसका खुलासा नहीं करेगी कि पी चिदंबरम ने किस गवाह को प्रभावित किया लेकिन उसका नाम सक्षम कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि गवाह इंद्राणी मुखर्जी नहीं हैं बल्कि कोई और है। मेहता ने कहा था कि इस बात का गंभीर खतरा है कि गवाहों से संपर्क किया जा रहा है और उन्हें प्रभावित किया जा रहा है। उन्होंने चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि उन्हें तब तक जमानत नहीं दी जानी चाहिए जब तक इस केस के महत्वपूर्ण गवाहों से पूछताछ नहीं हो जाए। मेहता ने कहा था कि सीबीआई केवल आईएनएक्स डील की ही जांच नहीं कर रही है बल्कि वो चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड की स्वीकृति देने में उनके और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम की क्या भूमिका थी।