इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के दिन अभी ठीक नहीं चल रहे हैं। वह जिस काम को शुरू करते हैं उसमें उन्हें सफलता नहीं मिल रही है। एक तरह से वह हर मामले में विफल रहे हैं। कश्मीर के बाद प्रस्तावित आजादी मार्च ने उनकी नींद उड़ा दी है। हालांकि बातचीत के जरिए वह इस मसले का हल निकालना चाहते थे, लेकिन जमीयत उलेमा फजल (जेयूआईएफ) के साथ उनकी बैठक रद्द हो गई है। समाचार पत्र द नेशन के मुताबिक, प्रस्तावित वार्ता रद्द होने के बाद जेयूआईएफ ने आजादी के बारे में विचार विमर्श करने के लिए 24 अक्टूबर को बैठक करने की घोषणा की है। बैठक जेयूआईएफ के प्रमुख और पाकिस्तान के कट्टरपंथी नेता फजल-उर-रहमान के पर्यवेक्षण में होगी। इसमें सरकार विरोधी प्रदर्शन की रणनीति पर चर्चा होगी। बैठक में शामिल होने वाले संगठन से जुड़े लोग देश की राजधानी इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन को लेकर रणनीति पर विमर्श करेंगे।
विदित हो कि जेयूआईएफ के नेता अब्दुल गफूर हैदरी और सीनेट के चेयरमैन संजारी के बीच 20 अक्टूबर को मुलाकात होनी थी। सूत्रों के अनुसार, सरकार के साथ वार्ता पर फैसला अब रहबर कमेटी करेगी, जिसकी बैठक 22 अक्टूबर को बुलाई गई है। सूत्रों के मुताबिक, जेयूआईएफ के प्रमुख मौलाना फजलुर्रहमान ने विपक्षी नेताओं के साथ चर्चा के बाद रहबर कमेटी के साथ वार्ता को रद्द कर दिया।हैदरी ने एक पाकिस्तानी चैनल से बात करते हुए कहा कि उन्होंने सादिक संजरानी को बैठक रद्द करने की सूचना दे दी है। उल्लेखनीय है कि मौलाना फजलुर्रहमान ने इमरान सरकार के खिलाफ 31 अक्टूबर को आजादी मार्च बुलाया है।