नई दिल्ली : दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में आज (सोमवार को) सीबीआई को फटकार लगाई। डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने पीड़ित के पिता की हिरासत में मौत के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने अधूरे साक्ष्य कोर्ट में जमा कराने पर सीबीआई को फटकार लगाते हुए पीड़ित के चाचा का पूरा कॉल डाटा रिपोर्ट जमा कराने का निर्देश दिया। सीबीआई ने पीड़ित के चाचा की अधूरी कॉल डाटा रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल किया था। कोर्ट ने 25 अक्टूबर तक कॉल डाटा रिपोर्ट जमा कराने का निर्देश दिया।
पिछले 11 अक्टूबर को पीड़ित के साथ हुए एक्सीडेंट के मामले में सीबीआई ने दायर अपने चार्जशीट में कहा था कि एक्सीडेंट लापरवाही से वाहन चलाने की वजह से हुई। सीबीआई ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ हत्या की धाराओं को हटा दिया है। चार्जशीट में कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई समेत मनोज के खिलाफ पीड़ित के परिवार को केस वापस लेने के लिए धमकाने का आरोप लगाया गया है। चार्जशीट में कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एक्सीडेंट का साजिश रचने का आरोपी नहीं बनाया गया है।
पीड़ित के चाचा ने इस एक्सीडेंट के लिए कुलदीप सिंह सेंगर को साजिश रचने का आरोपी माना है। एक्सीडेंट में घायल पीड़ित के वकील का अभी भी एम्स में इलाज चल रहा है। पीड़ित एम्स से डिस्चार्ज हो चुकी है। सीबीआई ने सेंगर को 2017 में पीड़ित के साथ हुए गैंगरेप के मामले में आरोपी बनाया है। पिछले 10 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़ित के पिता की हिरासत में मौत के मामले में पीड़ित की बहन का क्रॉस-एग्जामिनेशन किया था। इस मामले में कोर्ट ने पीड़ित की मां का क्रास-एग्जामिनेशन खत्म किया।