एआइएमआइएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी के आरोप पर केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि सरकारी नौकरियों में धार्मिक आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता है।
गौरतलब है कि हैदराबाद में एक प्रेस वार्ता में ओवैसी ने मोदी सरकार पर मुस्लिमों की अनदेखी का आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी बताए कि कितने मुस्लिमों को उन्होंने सरकारी नौकरी दी। उनका कहना था कि अर्धसैनिक बलों में मुस्लिम समुदाय के लोगों की संख्या बहुत कम है।
ओवैसी ने केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के उस बयान को सिरे से गलत बताया जिसमें उन्होंने कहा था कि राजग सरकार में मुस्लिमों की सरकारी नौकरियों में हिस्सेदारी बढ़ी है।
उनका कहना था कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट का डाटा देखा जाए तो वहां केवल 2013 तक के ही आंकड़े हैं। सरकार मुस्लिमों की सरकारी नौकरियों में भागीदारी को सार्वजनिक करने से बच रही है।
उनका कहना था कि पीएम का 15 सूत्रीय कार्यक्रम कहता है कि सरकारी नौकरियों में अल्पसंख्यकों का हिस्सा बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे, लेकिन इस दिशा में बहुत कम काम हुआ है।
उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) में मुस्लिम तबके का एक भी व्यक्ति नहीं है।
राहुल गांधी के उस बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस मुस्लिम पार्टी है, ओवैसी ने कहा कि राहुल व मोदी दोनों ध्रुवीकरण के लिए अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। ये गलत है।