चीन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी में भारी निवेश कर रहा

चीन द्वितीय विश्व युद्ध के अंत के बाद से अब तक का दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य तंत्र खड़ा कर रहा है? इस सवाल का जवाब देना आखिर क्यों जरूरी है? वो इसलिए क्योंकि चीन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) में भारी निवेश कर रहा है, भले ही उसका देश युद्ध की स्थिति में नहीं है और इस तथ्य के बावजूद कि कोई भी देश उसे सीधे तौर पर धमकी या निशाना नहीं बना रहा है।

बहरहाल, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीएलए के आधुनिकीकरण को प्राथमिकता दी है। आखिर चीन के सैन्य ठिकानों का प्राथमिक तौर पर लक्ष्य कौन है? यह सवाल कान्वाएशियन डिफेंस के संस्थापक आंद्रेई चांग से पूछा।

संपादक ने बिना संदेह अपना विचार व्यक्त किया कि ताइवान नंबर एक है। जबकि शी दक्षिणी चीन सागर में पुन: वर्चस्व के लिए सैन्यीकरण की श्रृंखला स्थापित करने में व्यस्त हैं। जहां अब रनवे, जहाजी बंदरगाह और अन्य सैन्य सुविधाएं हैं, चीन के लिए ताइवान हमेशा से रणनीतिक प्राथमिकता रहा है।

चांग ने इस बात को विस्तार से समझाते हुए बताया कि दक्षिण चीन सागर में पहला चरण पहले से ही पूरा कर लिया गया है, क्योंकि उन्होंने वहां कई, संभवत: तीन हवाई अड्डे की सुविधा वाले कृत्रिम सैन्य ठिकानों का निर्माण किया है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com