कोलकाता : नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में फंसे आईपीएस एसएमएच मिर्जा को मंगलवार को 30 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उन्हें गत 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। उस दिन उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था जहां से न्यायालय ने उन्हें 30 सितंबर तक के लिए सीबीआई रिमांड पर भेजा गया था। उसके बाद उन्हें 30 सितंबर को एक बार फिर कोर्ट में पेश किया गया था जहां से 14 अक्टूबर तक के लिए उनकी रिमांड को बढ़ा दिया गया था। मंगलवार को उन्हें कोलकाता के बैंकशाल कोर्ट स्थित विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 30 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार सीबीआई की टीम कुछ और नेताओं को उनके सामने बैठाकर पूछताछ कर सकती है।
इसमें मुकुल रॉय के अलावा इकबाल अहमद भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि नारद न्यूज़ पोर्टल के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने वर्ष 2014 में नारद स्टिंग ऑपरेशन किया था। वह एक फर्जी कंपनी के फर्जी निदेशक बनकर तृणमूल कांग्रेस के 11 नेताओं मंत्रियों से मिले थे और अपनी कंपनी के अवैध कारोबार को फैलाने में मदद करने के नाम पर पांच-पांच लाख रुपये घूस लेकर स्टिंग ऑपरेशन किया था। इसमें तृणमूल के कई बड़े नेता मंत्री फंसे हुए हैं। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के वर्तमान सदस्य और कभी ममता बनर्जी के सबसे करीबी सहयोगी रहे मुकुल रॉय भी उनमें से एक है। सैमुअल ने मुकुल को भी घूस देनी चाही थी लेकिन रॉय ने नहीं लिया था और उन्हें बर्दवान के तत्कालीन एसपी एसएमएच मिर्जा के पास भेज दिया था।
मैथ्यू तब मिर्जा के पास जा पहुंचे थे और पांच लाख रुपये देते हुए उनका स्टिंग ऑपरेशन किया था। गत 26 सितंबर को सीबीआई ने मिर्जा को गिरफ्तार किया तो पूछताछ में उन्होंने यह भी दावा किया है कि कोलकाता के एल्गिन रोड में स्थित मुकुल रॉय के घर जाकर सारे रुपये मुकुल को सौंप दिया था। हालांकि रॉय ने लगातार इस बात से इनकार किया है और दावा किया है कि उन्होंने स्टिंग ऑपरेशन के दौरान लिया गया रुपया कभी किसी से नहीं लिया है और ना ही किसी ने उन्हें रुपए लेते हुए देखा है। हालांकि मिर्जा के दावे के मुताबिक सीबीआई मुकुल के घर जाकर रुपये के लेनदेन की घटना का पुनर्निर्माण कर वीडियो रिकॉर्ड कर चुकी है।