दो दिवसीय राष्ट्रीय समाजवादी समागम का हुआ समापन
इंदौर : मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में दो दिवसीय राष्ट्रीय समाजवादी समागम का सोमवार को समापन हुआ। समापन पर नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर ने कहा कि देश इस समय भयावह संकट के दौर से गुजर रहा है। वर्तमान सरकार पूंजी परस्त है। वह पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए जनविरोधी नीतियों को लागू कर रही है। कश्मीर, नर्मदा घाटी, सेंचुरी मिल सहित देशभर की स्थिति की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसका विरोध करना और सड़क पर आकर संघर्ष करना आज की आवश्यकता है। विरोध और संघर्ष ही एकमात्र रास्ता है, जो गांधी-लोहिया और अंबेडकर ने दिखाया है। आप सब इंदौर से जाकर अपने-अपने क्षेत्रों में संघर्ष तेज करें।
इंदौर में आयोजित दो दिवसीय समागम में कश्मीर के हालात, एनआरसी, उत्तर प्रदेश में फर्जी एनकाउंटर में निर्दोषों की हत्या, शिक्षा के निजीकरण को रोकने, भाषाओं को प्राथमिकता देने संबंधी कई प्रस्ताव पास किए गए और उन पर संघर्ष तेज करने का आह्वान किया गया। समागम में कन्याकुमारी से कश्मीर तक यात्रा निकालने, देश में 10 से ज्यादा कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर लगाने और बेंगलुरु, पटना, वाराणसी, झाबुआ सहित आठ से ज्यादा समाजवादी समागम आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
समागम का उद्घाटन रविवार को वरिष्ठ समाजवादी चिंतक डॉ आनंद कुमार ने किया था, जबकि समापन सोमवार को नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर ने किया। समापन अवसर पर ‘विचार प्रवाह’ नामक एक स्मारिका का लोकार्पण किया गया। इस 36 पृष्ठों की स्मारिका में मेघा पाटकर, जीजी पारीख, डॉ. आनंद कुमार, बीआर पाटिल, प्रो. राजकुमार जैन, कृति कुमार वैद्य, कुर्बान अली, रमाशंकर सिंह, हरभजन सिंह सिद्धू, श्याम गंभीर, रघु ठाकुर, संजय कनौजिया, कैलाश रावत, हिम्मत सेठ, डॉ. प्रेम सिंह आदि के लेख संकलित किए गए हैं। स्मारिका का संपादन रामस्वरूप मंत्री ने किया। कार्यक्रम में प्रो. आनंद कुमार, अरुण श्रीवास्तव, डॉ. सुनीलम, बीआर पाटिल शामिल हुए।