
उन्होंने वर्ष 1983 में दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (एमए) किया था। एस्तेर बनर्जी की छात्र रही हैं। अभिजीत बनर्जी ने एमआईटी में प्रोफेसर डॉ. अरुंधति तुली बनर्जी से शादी की थी और उनके एक बेटा भी है। दोनों ने बाद में तलाक लिया। डफ्लो और बनर्जी की 2012 में एक संतान भी थी और 2015 में दोनों ने औपचारिक रूप से शादी की। अर्थशास्त्र में इस बार का नोबेल पुरस्कार वैश्विक गरीबी को कम करने के प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के लिए अभिजीत बनर्जी, एस्तेर डफ्लो और माइकल क्रेम को संयुक्त रूप से दिया गया है। माइकल क्रेमर हार्वर्ड विश्वविद्यालय से जुड़े हैं। बनर्जी और डफ़्लो ‘पूअर इक्नोमिक्स’ नामक एक प्रसिद्ध पुस्तक लिख चुके हैं। आर्थिक नोबेल जीतने वाली दूसरी महिला बनी डफ्लो ने कहा कि गरीबी की समस्याओं को जड़ों से समझे बिना लोगों ने इसे एक ‘कारिकेचर’ बना दिया है। हमने समस्या को समझने के लिए प्रत्येक घटक का वैज्ञानिक कठोरता से विश्लेषण किया है।