सरकारी कागजों में गोवंश की संख्या 2500, स्थलीय निरीक्षण में मिले 954
अधिकारियों ने गैरकानूनी तरीके से लीज पर दे दी गो-सदन की 328 एकड़ भूमि
लखनऊ : गोवंश संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संवेदनशीलता एवं प्रतिबद्धता जगजाहिर है। योगी को गोसंरक्षण में लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं है। इस बात की तस्दीक सोमवार को उस वक्त हो गई, जब उन्होंने गो-संरक्षण में लापरवाही बरतने वाले जनपद महाराजगंज के जिलाधिकारी समेत 5 अधिकारियों को निलंबित कर दिया। इस बात की जानकारी यहां लोकभवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने दी। मुख्य सचिव आरके तिवारी ने बताया कि जनपद महाराजगंज के निचलौल तहसील के मधवलिया गो-सदन में निराश्रित गोवंश के रखरखाव में लापरवाही की लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थी। शासन ने अपर आयुक्त प्रशासनिक, गोरखपुर मंडल की अध्यक्षता में एक समिति गठित की। जिसने इस पूरे मामले की जांच की। जांच में गोवंश की संख्या में काफी अनियमितताएं प्राप्त हुईं।
सरकारी कागजात में कुल 2500 गोवंश होने की बात कही गई थी, लेकिन मौके पर 954 गोवंश प्राप्त हुए। इसके अलावा गो-सदन की 500 एकड़ भूमि में से अधिकारियों द्वारा गैरकानूनी तरीके से 328 एकड़ भूमि को कृषकों, फर्म एवं अन्य व्यक्तियों दिए जाने का प्रकरण भी सामने आया। मुख्य सचिव ने कहा कि अपर आयुक्त प्रशासनिक की अध्यक्षता में नियुक्त समिति द्वारा की गई जांच में आरोपी अधिकारी संतोषजनक उत्तर भी नहीं दे पाए। जांच में पाया गया कि चारे एवं गोवंश के रखरखाव के नाम पर शासकीय धनराशि का दुरुपयोग करने के लिए जानबूझकर गोवंश की संख्या अधिक दर्शायी गई थी। जो वित्तीय अनियमितता का भी प्रकरण है।
इन अधिकारियों पर गिरी गाज
मामले में निलंबित किए गए अधिकारियों में गो-सदन मधवलिया के अध्यक्ष एवं जनपद महाराजगंज के जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय, गो-सदन के नामित सदस्य एवं तत्कालीन उप जिलाधिकारी निचलौल देवेन्द्र कुमार एवं वर्तमान उप जिलाधिकारी सत्यम मिश्रा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, महाराजगंज डॉ.राजीव उपाध्याय तथा उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी निचलौल डा.वीके मौर्य शामिल हैं।