कोलकाता : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में 35 वर्षीय अध्यापक बंधु गोपाल पाल, उनकी गर्भवती पत्नी तथा 8 साल के मासूम की निर्मम हत्या के मामले में पुलिस ने अब तक चार लोगों को हिरासत में लिया है। शनिवार को जिला पुलिस सूत्रों के हवाले से इस बारे में जानकारी दी गई है। हालांकि चार लोगों में से दो को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। बताया गया है कि तीन लोग पहले से हिरासत में थे। उनसे पूछताछ पर एक अन्य शख्स के बारे में भी भनक लगी जिसके बाद उसे शुक्रवार रात हिरासत में लिया गया है। जबकि 2 लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। इसके अलावा पुलिस की टीम मुर्शिदाबाद के साथ-साथ बीरभूम जिले में भी पहुंची है। यहां मृतक परिवार के परिजन रहते हैं और पैतृक गांव भी है। परिजनों से घंटों तक बातचीत की गई है। हालांकि पांच दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की है, जिसकी वजह से जिला प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इधर शनिवार सुबह जिला पुलिस की ओर से बताया गया कि पूरे क्षेत्र का सीसीटीवी फुटेज देखने और स्थानीय लोगों तथा परिजनों से पूछताछ के बाद सौभिक बनिक नाम के एक व्यक्ति के बारे में पता चला है। वह मृतक बंधु गोपाल के परिचित है। उसका घर बीरभूम जिले के रामपुरहाट में है और सिउड़ी में भी किराए के मकान में रहता है। शुक्रवार रात के समय मुर्शिदाबाद और बीरभूम जिले की संयुक्त पुलिस टीम ने इन दोनों जगहों पर औचक छापेमारी की। घर की तलाशी ली गई है और कई सामानों को भी जब्त किया गया है। हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह मौके से फरार होने में सफल रहा है। उसकी तलाश में पुलिस की टीम जुट गई है।
बंधु गोपाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय सदस्य थे। उनके पूरे परिवार की नृशंस हत्या पूरे देश में सुर्खियां बन गई है। इस हत्याकांड को लेकर भाजपा, कांग्रेस और माकपा ने एक सुर में ममता बनर्जी की सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। हालांकि जिला पुलिस अधीक्षक आईपीएस मुकेश कुमार ने इस घटना को राजनीतिक हत्या मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने दावा किया है कि प्रारंभिक जांच में यह संपत्ति विवाद का मामला लग रहा है। मारे गए पति पत्नी के बीच भी बेहतर संबंध नहीं होने का दावा पुलिस ने किया है।