सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में बिहार पुलिस की चयन प्रक्रिया के दौरान जो गर्भवती महिलाएं फिजिकल टेस्ट में शामिल नहीं हो सकीं थीं, उन महिलाओं को कोर्ट ने एक बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग को इन महिलाओं के लिए नए सिरे से टेस्ट कराने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग से उस वक्त गर्भवती रहीं महिलाओं के लिए दोबारा फिजिकल टेस्ट कराने को कहा है और उन्हें भी इस वर्ष अधिसूचित रिक्तियों में समायोजित करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में खुशबू शर्मा नामक याचिकाकर्ता ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें पटना हाईकोर्ट की खंडपीठ के फैसले को चुनौती दी थी। पटना हाईकोर्ट की पीठ ने उच्च न्यायालय के एकल जज के आदेश को पलट दिया था। दरअसल एकल जज ने याचिकाकर्ता खुशबू को राहत दी थी और आयोग को उसका फिजिकल टेस्ट दो महीने के बाद कराने को कहा था।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि हमारा मानना है कि ना केवल अपीलकर्ता (खुशबू) बल्कि जिन महिलाओं ने गर्भावस्था के कारण मोहलत मांगी, उन सभी को शारीरिक क्षमता परीक्षा (पीईटी) के लिए दोबारा बुलाना चाहिए।