गोरखपुर के चंपा देवी पार्क में श्रद्धालुओं को श्रीराम कथा सुनाते हुए मोरारी बापू ने कहा कि अखंड भारत होगा, सबकी यह इछा है और ऐसा होकर रहेगा। श्रीराम कथा ‘मानस जोगी’ ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की स्मृति में गोरखनाथ मंदिर व श्रीराम कथा प्रेम यज्ञ समिति के तत्वावधान में आयोजित है। मोरारी बापू ने राम नाम को महामंत्र बताते हुए कहा कि जयश्रीराम आंदोलन नहीं, आनंदादोलन है। पश्चिम बंगाल की दीदी ने कहा कि जय श्रीराम नहीं, जय सियाराम, मैंने इसे स्वीकार कर लिया।
मुझे खुशी हुई कि दीदी ने हमारे ठाकुर का नाम तो लिया। जयसियाराम षडाक्षर मंत्र है और जयश्रीराम पंचाक्षर मंत्र है। यदि यह लंबा लगे तो केवल ‘राम’ बोलो, यह महामंत्र है। कलयुग में सबसे सहज, सुलभ राम नाम है। यह साधन नहीं साध्य है। राम-राम रटने पर राम का दर्शन हो, न हो, लेकिन रटने वाला राम बन जाता है। इसलिए बैठकर, लेटकर, खड़े होकर, भाव से, दबाव से जैसे भी हो सके राम का नाम लो। राम नाम, राम से भी बड़ा है। पत्थर का स्वभाव तैरना नहीं होता लेकिन राम नाम लिख देने से पत्थर समुद्र में तैरने लगा और सेतु बन गया। लंका पर विजय प्राप्त कर राम अयोध्या लौटे और रामराज्य स्थापित किया।