नई दिल्ली : कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने टेलीविजन के रिएलिटी शो ‘बिग बॉस-13’ पर देश में अश्लीलता फैलाकर पारंपरिक, सामजिक व सांस्कृतिक मूल्यों की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया है। कैट ने सरकार से इस शो के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि प्रत्येक एपिसोड को सेंसर बोर्ड द्वारा विधिवत प्रमाणित करने के बाद ही प्रसारित करने की अनुमति दी जाए। कैट ने इस संबंध में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर को पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि इस सीरियल में बेहद अश्लीलता और फूहड़ता का खुले आम घिनौना प्रदर्शन हो रहा है। इस सीरियल को घरेलू माहौल में देखना मुश्किल है। टीआरपी और मुनाफे की लालसा में बिग बॉस टीवी चैनल के जरिए देश में सामाजिक समरसता को धूमिल कर रहा है, जिसे भारत जैसे विविध संस्कृति वाले देश में कतई अनुमति नहीं दी जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि बिग बॉस के ताजा संस्करण में प्रत्येक प्रतियोगी को अपने विपरीत लिंग के सहयोगी के साथ बिस्तर पर दिखाया जाता है। शो में इसे बेड फ्रेंड फॉरेवर (बीएफएफ) नाम दिया गया है। इसके तहत एक बिस्तर पर एक महिला और पुरुष प्रतियोगी साथ में सोते हैं। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने जावडेकर को भेजे पत्र में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल भारत में बल्कि विश्व के शिखर मंचों पर भी देश के सांस्कृतिक मूल्यों की जबरदस्त पैरोकारी कर रहे हैं। इस दृष्टि से इस मामले पर तुरंत संज्ञान लिया जाना चाहिए।