तीन दिन पहले तक बारिश लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही थी तो इसके ठीक उलट मोरारी बापू के मुखारविंद से हो रही अमृत वचनों की बारिश लोगों की आस्था। हर कोई अमृत वचनों की बारिश में भीगने को बेताब था। बापू के साथ मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी आयोजन के महत्व को और बढ़ा रही थी।
गोरखपुर में बापू की कथा में श्रद्धालुओं का उत्साह किस कदर था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शाम चार बजे शुरू होने वाले आयोजन के लिए दोपहर में आधा पंडाल भर गया। पहुंचने वाला हर व्यक्ति पहले व्यास पीठ को प्रणाम कर रहा था और तब अपना स्थान ले रहा था। ठीक चार बजे जब वह रामायण पोथी के व्यासपीठ पर विराजमान हुए तो सबके चेहरे खिल गए। बापू ने मंच पर पहुंचते ही सबका अभिवादन किया तो लोगों को अपना जीवन धन्य होता लगा। फिर इंतजार था मुख्यमंत्री योगी का। सवा चार बजे जब वह भी मंच पर पहुंचे तो श्रद्धालुओं ने उनका स्वागत तालियों से किया। उसके बाद पहले योगी ने अपने संबोधन से बापू का प्रदेश और गोरखपुर में स्वागत किया और फिर शुरू हुई बापू की रामकथा। रामकथा में उन्होंने पहले कथा के विषय मानस की जानकारी दी और फिर उसके चयन पर विस्तार से प्रकाश डाला। पहले दिन की एक घंटे की रामकथा श्रद्धालुओं ने पूरी तल्लीनता से सुनी।
मोरारी बापू ने रामकथा का शुभारंभ भजन से किया। भजन की मिठास और संदेश श्रद्धालुओं को तो मंत्रमुग्ध कर ही रहा था, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उसमें डूबते नजर आए। कई बार वह भजन में इतने तल्लीन हुए कि आंखें बंद कर भगवत ध्यान में खो गए।