नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नए अध्यक्ष होंगे। देश की राजधानी दिल्ली में 5 नवम्बर को पार्टी के होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन में उनके नाम की विधिवत घोषणा कर दी जाएगी। राजनीतिक गलियारों में इसे रामविलास पासवान का सक्रिय राजनीति से संन्यास लेना माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय अधिवेशन में पहले पिता रामविलास पासवान की जगह चिराग को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव पारित होगा और फिर मतदान भी कराया जाएगा। बाद में उनकी औपचारिक पुष्टि भी की जाएगी। हालांकि फिलहाल चिराग पासवान बिहार प्रदेश की कमान संभाल रहे हैं और वे लोजपा संसदीय दल के नेता भी हैं। माना जा रहा है कि वर्तमान अध्यक्ष रामविलास पासवान की अस्वस्थता को देखते हुए पार्टी इसकी जिम्मेवारी युवा कंधे को सौंपना चाहती है। इसीलिए अब यह कवायद शुरू हो गई है।
चिराग की अध्यक्षता की राह में सबसे बड़ा रोड़ा पारिवारिक कलह था, जिसका समाधान कर लिया गया। इसके तहत एक तरफ रामचंद्र पासवान के निधन से खाली हुई सीट पर होने वाले उपचुनाव में उनके प्रिंस को उम्मीदवार बना दिया गया है और पशुपति पारस को दलित सेना का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर किनारे लगा दिया गया है। देखा जाए तो चिराग पिछले 5 साल से अधिक समय से लोजपा संसदीय दल के अध्यक्ष हैं। पार्टी के सारे निर्णय उनकी जानकारी में ही लिये जा रहे हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के साथ गठबंधन और इस बार के चुनाव में भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ बने रहने के फैसला चिराग ने ही लिया था। बाद में सीटों के तालमेल का मसला हो या फिर उम्मीदवार के चयन का, चिराग पासवान का निर्णय अहम रहता है। वैसे रामविलास पासवान ने भी इस बात के संकेत दे दिये हैं कि वे सक्रिय राजनीति से रिटायर होंगे, क्योंकि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है।