आयकर विभाग ने 50 से अधिक ऐसे रसूखदार लोगों (एचएनआई) के आयकर रिटर्न का फिर से आकलन करने का फैसला किया है, जिन्होंने भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी की कंपनियों से महंगी ज्वेलरी खरीदी है.
डीएनए की एक रिपोर्ट के मुताबिक आय कर विभाग ने इससे पहले कई लोगों को तलब कर उनसे आभूषण खरीद का स्रोत पूछ चुका है. इनमें से ज्यादातर ने कहा कि उन्होंने नीरव मोदी की कंपनियों को कोई नकद भुगतान नहीं किया है.
इसके बाद विभाग ने उनके आईटीआर की नए सिरे से जांच का फैसला किया है. अधिकारियों ने बताया कि विभाग को ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिनसे पता चलता है कि इन चुनिंदा खरीदारों ने हीरे के महंगे आभूषणों की खरीद के लिए अलग-अलग हिस्सों मसलन चेक या कार्ड (डेबिट या क्रेडिट) तथा शेष का भुगतान नकद में किया. कर नोटिसों के जवाब में ज्यादातर लोगों ने कहा है कि उन्होंने नकद भुगतान नहीं किया.
हालांकि, उनका यह बयान विभाग के पास मौजूद आंकड़ों से मेल नहीं खाता. सूत्रों ने कहा कि नकद भुगतान को छिपाने का मामला सामने आया है. कई मामलों में यह लाखों रुपये है. सूत्रों ने कहा कि ऐसे मामलों में एचएनआई पर कर चोरी के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि नीरव मोदी ने घोटाले के जरिये पीएनबी को 13400 करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगाया है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशाल (ईडी) और सीबीआई जांच कर रही हैं.
वहीं कुछ दिन पहले विदेश मंत्रालय ने कई यूरोपीय देशों को पत्र लिखकर नीरव मोदी का पता लगाने में मदद करने को कहा है. मंत्रालय ने यह भी कहा कि उसके पास एक से अधिक भारतीय पासपोर्ट नहीं है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार के मुताबिक मंत्रालय ने विदेश में अपने सभी मिशनों को भी संदेश भेजा है कि वे स्थानीय सरकारों से संपर्क करके अनुरोध करें कि वे नीरव मोदी को अपने देश में प्रवेश नहीं करने दें और भारत को सूचित करें कि क्या वह वहां रह रहा है.