विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उम्मीद जताई है कि भारत-अमेरिका अपने ट्रेड विवाद को आपसी सूझबूझ से सुलझा लेंगे। उन्होंने कहा कि व्यापार समझौते कोई साधारण गणित नहीं हैं जिन्हें आसानी से हल कर लिया जाए। इसमें बहुत सारे मुद्दे शामिल होते हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर कई दौर की बातचीत चल रही है। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस व्यापार वार्ता के लिए भारत आने वाले हैं।
वे यहां अपने समकक्ष पीयूष गोयल से बातचीत करेंगे। अमेरिका की कॉरपोरेट संस्थाओं के एक कार्यक्रम में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि उन्हें आने वाली वार्ता से काफी उम्मीदे हैं। दोनों पक्ष बातचीत को काफी गंभीरता से ले रहे हैं। इसके सकारात्मक परिणाम निकलकर आएंगे। जयशंकर ने कहा कि उन्होंने इससे गंभीर मुद्दों को हल होते हुए देखा है।
दोनों देश बहुत सारे ऐसे मुद्दों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, जो दोनों के लिए समान महत्व के हैं और इसमें उन्हें कई तरह की कठिनाइयों से दो-चार होना पड़ रहा है। कुछ समस्याएं पहले से बनी हुई हैं और वे इस समय प्रमुखता से सामने आ गई हैं, क्योंकि ट्रंप प्रशासन उनपर फोकस कर रहा है। इन मुद्दों को दूसरा प्रशासन किसी अन्य तरीके से उठा सकता था।
विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच न्यूयॉर्क में हुई मुलाकात से पहले दोनों देशों के बीच कई दौर की सफल वार्ता हुई थी। हमें लगता है कि व्यापार वार्ता पूरी तरह से सफल होने के लिए अभी और वक्त चाहिए। गौरतलब है कि भारत-अमेरिका में कारोबार पर विवाद उस वक्त बढ़ गया, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर अत्यधिक टैक्स लेने का आरोप लगाया।
ट्रंप ने भारत को टैक्स किंग बताते हुए कहा था कि अब अमेरिका यह स्वीकार नहीं करेगा। ट्रंप प्रशासन भारत पर अक्सर आरोप लगाता रहा है कि यह अमेरिकी उत्पादों पर बहुत अधिक टैक्स वसूलता है। इसी वर्ष जून में अमेरिका ने भारत से जीएसपी का दर्ज वापस ले लिया था। जीएसपी की वजह से भारत 2017 में अमेरिका को 5.7 अरब डॉलर का निर्यात करने में सफल रहा था।