14 नए मेडिकल कालेज खोलने पर योगी कैबिनेट ने लगाई मुहर
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक संपन्न, 21 प्रस्तावों को मिली मंजूरी
- वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के विस्तारीकरण व सौंदर्यीकरण के लिए 318.67 करोड़ रुपए मंजूर
- मुख्यमंत्री का निर्देश दिसंबर 2021 तक श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का पूरा कॉरीडोर बनकर तैयार हो जाए
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में 21 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इन प्रस्तावों में सूबे में दूसरे चरण के तहत 14 जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने और 14 जिलों में वातानुकूलित इलेक्ट्रिकल बसों के संचालन की मंजूरी शामिल है। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि राज्य की योगी सरकार ने 14 जिलों में यातायात को सुगम बनाने और प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए 700 इलेक्ट्रिक बसों को चलाने की मंजूरी दी है। ये सभी बसें बैट्री से चलेंगी। इसके साथ ही कौशांबी के विधानसभा क्षेत्र चायल में बस स्टैंड के लिए 0.57 हेक्टेअर भूमि चिन्हित की गई है। ये जमीन ग्राम परसराम में है, जिसे कैबिनेट ने निशुल्क देनी की मंजूरी प्रदान की है।
ये हैं कैबिनेट के प्रमुख फैसले
उत्तर प्रदेश दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग में समूह ख और ग में नियुक्त सेवा नियमावली 2019 के प्रख्यापन को मंजूरी दी गई है। हरदोई के उप जिला अधिकारी गिरीशचंद्र श्रीवास्तव को पदावनति (डिमोशन) करने की मंजूरी दी गई है। इन्होंने ग्राम समाज की जमीन को नियमों के विरुद्ध नामित कर दिया था। जनरल रूल्स क्रिमिनल एक्ट-1997 के अध्याय 11 में खंड (क) जोड़ा गया है। इसके तहत फरार व्यक्ति से संबंधित गवाह की गवाही को रिकॉर्ड किया जा सकेगा। राज्य में दूसरे चरण के 14 मेडिकल कालेज की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। सुल्तानपुर, चंदौली, गोण्डा, बुलंदशहर, औरेया, अमेठी, सोनभद्र, लखीमपुर, पीलीभीत और ललितपुर समेत 14 जिलों में खोले जाएंगे। पेयजल आपूर्ति, सीवरेज, ड्रेनज, नगरीय परिवहन की योजना के लिए ग्राम सभा की जमीन नि:शुल्क दी जाएगी। पांच साल के लिए अप्रूवल दिया जा रहा है।
नगरीय परिवहन प्रणाली को सुदृढ़ बनाने के लिए लखनऊ मेरठ, प्रयागराज, आगरा, गाजियाबाद, कानपुर, वाराणसी, मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, बरेली, गोरखपुर, शाहजहांपुर, मथुरा-वृन्दावन में वातानुकूलित मिनी इलेक्ट्रिकल बसें चलाई जाएंगी। ये बसें 32 सीटर होंगी। निजी भागीदारी की तर्ज पर प्रदेश के 14 शहरों में कुल 700 बसें चलेंगी। इसके लिए प्रति वर्ष 45 लाख रुपये का अनुदान केंद्र सरकार भी देगी। लखनऊ, कानपुर और आगरा में 100-100 बसें चलेंगी। प्रयागराज, गाजियाबाद, वाराणसी मेरठ, मथुरा और वृन्दावन में 50-50 बसें चलेंगी। मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, बरेली, गोरखपुर, शाहजहांपुर में 25-25 बसें चलेंगी। इस परियोजना की कुल लागत 965 करोड़ रुपए है। इसे पीपीपी मोड पर चलाया जाएगा। सरकार का ध्येय प्रदूषण के स्तर के कम करना है। अलीगढ़ में क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण होगा। प्रदेश में 18 विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निर्माण की सैद्धांतिक सहमति हुई है। लखनऊ, वाराणसी, आगरा एवं मुरादाबाद के भवन बन चुके हैं। यहां यूनिट क्रियाशील हैं। पहले चरण में 8 का निमाणाधीन प्रक्रिया में है। गोरखपुर, गाजियाबाद एवं कन्नौज में ए श्रेणी की विधि विज्ञान प्रयोगशाला बनेगी। इलाहाबाद में बी श्रेणी होगी। सभी मंडल में प्रयोगशाला खुलेगी।
100 डायल की सुविधा प्रदान करने के लिए लखनऊ में केद्रीय मास्टर को-आर्डिनेशन सेंटर की स्थापना की स्वीकृति दी गई है। इसके लिए पहले ही 113.26 करोड़ धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। अब 125.924 करोड़ की लागत के साथ योजना का कार्य प्रस्तावित है। बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में ग्रामीण पेयजल परियोजना के लिए पीडब्लयूडी के साथ सिंचाई विभाग और जल निगम के अभियंताओं को भी शामिल किया गया। वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र के विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण के पहले चरण में भवनों के क्रय के लिए 2017-18 में 40 करोड़, 2018-19 में 358.33 करोड़ रुपए अवमुक्त की गई गई। 267 संपत्तियां क्रय की गई हैं। जिसमें 247 को ध्वस्त किया जा चुका है। दूसरे चरण में इस कार्य के लिए 318.67 करोड़ रुपए अनुमोदित की गई है। इसकी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री का निर्देश है कि दिसंबर 2021 तक पूरा कारीडोर बनकर तैयार हो जाए।