उत्तर प्रदेश की बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद से सूबे की जेलों में बंद बड़े डॉन दहशत में जी रहे हैं. वो न तो अपनी हाई सिक्योरिटी सेल से बाहर निकलते हैं और न ही पेशी में जाने को तैयार होते हैं. बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद से अपनी हाई सिक्योरिटी सेल से बाहर नहीं निकले हैं.
मुख्तार अंसारी अब बांदा जेल में मुलाकात करने आने वाले लोगों से भी नहीं मिल रहे हैं. झांसी जेल में बंद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के टेरर कहे जाने वाले सुंदर भाटी ने मुन्ना बजरंगी की जेल में हुई हत्या के बाद पेशी पर जाने से मना कर दिया है. बुधवार को सुंदर भाटी को एक मामले में सुनवाई के लिए गाजियाबाद कोर्ट में जाना था, लेकिन पुलिस कस्टडी में भी सुंदर भाटी ने जाने से मना कर दिया.
जेल में बंद बड़े डॉन और अपराधियों में इस बात की दहशत है कि जेल के भीतर अगर वह मारे जा सकते हैं, तो जेल के बाहर तो कुछ भी हो सकता है. मुख्तार अंसारी के परिजनों ने औपचारिक तौर पर कैमरा पर कोई बात तो नहीं कही, लेकिन इशारों में वो इस बात को कह रहे हैं कि अगर जेल के भीतर भी सुरक्षा की गारंटी नहीं है, तो ऐसे में मुख्तार की सुरक्षा को लेकर चिंता होना लाजमी है.
गौरतलब है कि इसी साल जनवरी में बांदा जेल में अचानक अफवाह फैली थी कि मुख्तार अंसारी को जहर दे दिया गया है. हालांकि बाद में यह खबर आई कि मिलने गई पत्नी और मुख्तार दोनों को हार्ट अटैक आया है. इसके बाद दोनों को लखनऊ लाया गया था, जहां PGI में जांच के बाद स्वस्थ होने पर उन्हें वापस बांदा जेल भेजा गया था.
यही वजह है कि मुख्तार अंसारी बांदा जेल के हाई सिक्योरिटी सेल के 16 नंबर बैरक से बाहर नहीं आ रहे हैं. चाहे बबलू श्रीवास्तव हो या फिर सुभाष ठाकुर अलग-अलग जिलों में बंद देश के यह बड़े अपराधी डॉन फिलहाल जेलों में भी खुद को असुरक्षित और असहज महसूस कर रहे हैं. साथ ही इनके परिजन लगातार इनकी सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं.
बहरहाल बागपत में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद सुनील राठी को बाग़पत जेल से सुदूर बुंदेलखंड के किसी जेल में भेजने की तैयारी चल रही है और जल्द ही उसे दूसरे जेल में शिफ्ट किया जा सकता है.