नेशनल हेराल्ड मामले में 21 अक्टूबर तक के लिए सुनवाई टली

नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को नेशनल हेराल्ड  मामले में सुनवाई टाल दिया है। आज दोनों पक्षों ने सुनवाई टालने की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने 21 अक्टूबर को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया। पिछले 30 अगस्त को भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी का क्रास-एग्जामिनेशन किया गया था। स्वामी का क्रास एग्जामिनेशन सोनिया गांधी और राहुल गांधी की ओर से वकील आरएस चीमा और तरन्नुम चीमा ने किया था। क्रास-एग्जामिनेशन के दौरान चीमा ने स्वामी को एक अप्रैल, 2008 का नेशनल हेराल्ड और कौमी आवाज अखबारों को दिखाया था, जिसमें दोनों अखबारों के प्रकाशन को अस्थाई रूप से बंद करने की बात थी। चीमा ने स्वामी से पूछा था कि क्या आपने उस दिन के संपादकीय को हू-ब-हू अपनी याचिका में लगाया था, तब स्वामी ने कहा कि हमने उस आलेख के वेबलिंक का पूरा एड्रेस दिया है।

हम कुछ भी छिपाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। स्वामी ने कहा था कि नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन 7 अप्रैल, 2016 से दूसरी जगह से शुरू किया गया। ये कोर्ट की ओर से समन जारी करने के बाद शुरू किया गया। इसलिए यह साफ है कि आठ साल बीत जाने के बाद काफी सोच समझकर इसे शुरू किया गया। जब प्रकाशन बंद किया गया था तो अखबार के सभी कर्मचारियों को वीआरएस दे दिया गया था। स्वामी ने कहा था कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि डीडीए और शहरी विकास मंत्रालय ने हेराल्ड हाउस लेने की कार्रवाई शुरु कर दी थी। ये मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। स्वामी के इस बयान का वकील चीमा ने विरोध किया। चीमा ने पूछा कि क्या आप एजेएल के 2010-11 के बैलेंस शीट पर भरोसा करते हैं तब स्वामी ने कह कि हम पहले उस पर भरोसा नहीं करते थे लेकिन जब हमारे गवाह ने वह हमें दिया तब हमें भरोसा हुआ।

स्वामी ने कहा था कि बैलेंस शीट से ऐसा कहीं नहीं लगा कि बंदी स्थायी नहीं थी। चीमा ने कहा था कि क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि कांग्रेस ने एजेएल की मदद कर अपना कर्तव्य पूरा किया है। तब स्वामी ने कहा था कि अखबार को बंद करने की जानबूझकर साजिश रची गई। पिछले 4 फरवरी को भी सुब्रमण्यम स्वामी का क्रास-एग्जामिनेशन किया गया था। उसके बाद कई बार क्रास-एग्जामिनेशन टाला गया। क्रास-एग्जामिनेशन के दौरान चीमा ने स्वामी से पूछा था कि क्या अभियुक्तों द्वारा नेशनल हेराल्ड को स्थायी रूप से बंद करना केस का मुख्य सार है । तब स्वामी ने इससे इनकार किया था। स्वामी ने कहा था कि हमने ऐसा कभी नहीं कहा कि नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन हमेशा के लिए बंद कर दिया गया।

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