कोलकाता : दशहरा शुरू होने से पहले पितृ पक्ष में ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दुर्गापूजा पंडालों का उद्घाटन किये जाने को लेकर विवाद उत्पन्न होता दिख रहा है। दरअसल शनिवार से पितृ पक्ष खत्म होगा और दशहरा की शुरुआत होगी। हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक दशहरा से पहले दुर्गा पूजा का उद्घाटन करना अशुभ माना जाता है। बावजूद इसके शुक्रवार को ही मुख्यमंत्री उत्तर कोलकाता के चालताबागान, हाथीबागान, नवीनपल्ली, कुमारटोली पार्क और हिंदुस्तान क्लब की पूजा पंडाल का उद्घाटन करेंगी। इसे लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने सवाल खड़ा किया है। विहिप के अखिल भारतीय कार्यकारी सचिव सचिन सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री किसी भी हिंदू रीति रिवाज और परंपरा को नहीं मानतीं।
हर चीज में उनको राजनीति करनी है। किसी भी शुभ और अशुभ पक्ष को मानना उनके लिए मायने नहीं रखता है। उंहोने कहा कि मुख्यमंत्री पूजा करने के लिए पूजा नहीं करती हैं बल्कि राजनीतिक हित-अनहित को देख कर काम करती हैं। श्रद्धा और सम्मान की जगह मां दुर्गा को भी राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही हैं। उन्हें इससे बाज आना चाहिए। इसी तरह से राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ के दक्षिण बंगाल प्रांत कार्यवाहक जिष्णु बसु ने कहा कि दुर्गा पूजा शक्ति की आराधना का त्यौहार है। इसमें हिंदू रीति रिवाज और सनातनी परंपराओं को माना जाता है लेकिन, मुख्यमंत्री की हिंदू परंपराओं अनदेखा करने की आदत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि शास्त्रों के नियमों के मुताबिक पितृ पक्ष में दुर्गा पूजा का उद्घाटन अशुभ है। मां दुर्गा की आराधना रीति रिवाज और हृदय से करनी पड़ती है लेकिन मुख्यमंत्री पूजा को मस्ती का जरिया बनाती जा रही हैं।