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उनकी ओर से जमानत अर्जी भी दाखिल की जानी है। 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के समय कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। मामले की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। अयोध्या मामले के लिए लिब्राहन आयोग का गठन 16 दिसम्बर 1992 में किया गया था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बाबरी विध्वंस को सुनियोजित साजिश करार देते हुए 68 लोगों को दोषी माना था। लिब्राहन आयोग ने कहा था कि कल्याण सिंह ने घटना को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।कल्याण सिंह को इस मामले में अब तक राजस्थान का राज्यपाल होने के कारण अनुच्छेद 361 के तहत कार्रवाई से छूट मिली थी। राज्यपाल का उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद अब वह किसी संवैधानिक पद पर नहीं हैं। उन्होंने हाल ही में भाजपा की सदस्यता पुन: ग्रहण की है। स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने कल्याण सिंह को बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े आपराधिक साजिश के मामले में पेश होने का आदेश दिया था।