न्यूयॉर्क : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को कश्मीर मसले के हल के लिए मध्यस्थता समेत हर तरह की मदद करने की बात कही। रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के नेताओं के साथ बैठकों में कश्मीर मामले पर चर्चा की और ‘मध्यस्थता’ के जरिए दोनों परमाणु संपन्न देशों की मदद करने का प्रस्ताव रखा। ट्रम्प ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर भारत और पाकिस्तान के नेताओं के साथ सकारात्मक बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि वह हर संभव कोशिश करेंगे, क्योंकि उनके बीच गंभीर तनाव है और उम्मीद है कि स्थिति सुधर जाएगी।
ट्रम्प ने कहा, ‘दो नेक इंसान जो इन दो देशों का नेतृत्व कर रहे हैं, वे मेरे मित्र हैं। मैंने कहा कि वे इसका समाधान निकालें। वे परमाणु संपन्न देश हैं, उन्हें समाधान निकालना ही होगा।’ ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंगलवार को 40 मिनट तक द्विपक्षीय बातचीत की थी। इससे एक दिन पहले उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की। लेकिन भारत का स्पष्ट रुख रहा है। कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मामला है और किसी तीसरे पक्ष की इसमें कोई भूमिका नहीं है। ट्रम्प की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री पहले ही यह बता चुके हैं। विदेश सचिव ने भी कल यही बात की।’
विदेश सचिव विजय गोखले ने मोदी-ट्रम्प की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा था, ‘प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि वह पाकिस्तान के साथ वार्ता करने से परहेज नहीं कर रहे हैं। लेकिन ऐसा होने के लिए उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान कुछ ठोस कदम उठाए, मगर पाकिस्तान की तरफ से ऐसी कोई कोशिश नहीं दिख रही।’ उल्लेखनीय है कि भारत ने पिछले पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था। इसके बाद से पाकिस्तान बौखला गया है और इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन भारत का स्पष्ट कहना है कि जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाना भारत का आंतरिक मामला है।