बलिया : पूर्व मंत्री नारद राय ने आरोप लगाया है कि जिले के बाढ़ पीड़ितों तक राहत सामग्री समय से नहीं पहुंच पा रही है। मुख्यमंत्री ने बाढ़ क्षेत्रों का दौरा करके जिला प्रशासन को बाढ़ प्रभावित लोगों को 12 घंटे के अंदर राहत सामग्री पहुंचाने का निर्देश दिया था लेकिन 12 घंटे तो छोड़िए आज 12 दिनों बाद भी राहत सामग्री बाढ़ पीड़ितों के बीच नहीं पहुंची है। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री यहां आए थे तो वहां से कुछ दूरी पर नाव के अभाव में एक गर्भवती महिला ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार की संवेदना पूरी तरह से खत्म हो गई है। राहत समाग्री वितरण करने के नाम पर सत्ताधारी नेता व अधिकारी अपना पेट भरने में लगे हैं। मुख्यमंत्री की घोषणा सिर्फ हवा हवाई साबित हो कर रह गई है। मंगलवार को जिलाधिकारी ने खुद दियारांचल के कई बाढ़ पीड़ित गांवों में जाकर स्थिति का जायजा लिया जहां उनके लौटने के बाद भी राहत सामग्री नहीं पहुंची।
श्री राय ने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि जनपद के जिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा मुख्यमंत्री ने स्वयं किया है उनको विशेष राहत मिलनी चाहिए। जनपद में बर्बाद हुई फसल का मुआवजा दस हजार प्रति बीघा के हिसाब से दिया जाए। जिसका घर बाढ़ के पानी या कटान से बह गया हो, जांच करा कर उनको आवास आवंटित किया जाए। पूर्व मंत्री नारद राय लगातार चौथे दिन अपने साथियों के साथ शिवपुर दीयर में गजरी, धोधा राय के डेरा, देवी राय के डेरा, गरीबा राय के डेरा, पांडेय का डेरा के सैकड़ों पीड़ितों को दवा भोजन एवं आवश्यक सामान वितरित किया।